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  • Where C Stands? - C किसके लिए स्थित हैं?

    सी भाषा को अक्सर "मध्य-स्तर" ( Mid-Level ) भाषा के रूप में वर्णित किया जाता है। यह प्रोग्रामों को उसी शैली में लिखने की अनुमति देता है जैसे कि अधिकांश आधुनिक उच्च-स्तरीय भाषाओं, जैसे कि फोरट्रान, कोबोल, बेसिक, पीएल/आई और पास्कल। जहां यह अलग है कि सी कंप्यूटर के आंतरिक कामकाज के साथ बहुत करीबी संपर्क की अनुमति देता है। यह एक ऐसी कार के अनुरूप है, जिसमें स्वचालित गियर की विलासिता होती है। लेकिन ड्राइवर के विकल्प पर, गियर्स को मैन्युअल रूप से शिफ्ट करने की अनुमति देता है। सी भाषा में काफी निम्न स्तर पर मशीन से निपटना संभव है। फिर भी सी भाषा, एक सामान्य प्रयोजन वाली संरचित प्रोग्रामिंग भाषा है, जिसमें उच्च-स्तरीय भाषाओं के साथ बहुत कुछ समान है। भले ही C संक्षिप्त होने के बावजूद भी ( जैसा कि इसके छोटा नाम से प्रतीत होता है ) यह अत्यंत शक्तिशाली भी है।

  • Keyboard Related FAQ - कीबोर्ड संबंधी अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

    प्रश्न : 01 | कीबोर्ड में कितने फंक्शन कुंजियाँ (Function Keys) होते हैं? उत्तर ;- आजकल के पारंपरिक पीसी ( Traditional PC ) कीबोर्ड में 12 फंक्शन कुंजियाँ होते है, जो F1 से F12 तक होती हैं। वहीँ ऐप्पल डेस्कटॉप कंप्यूटर कीबोर्ड में 19 फंक्शन कुंजियाँ होते है, जो F1 से F19 तक होती हैं। प्रश्न : 02 | संख्यात्मक कीपैड (Numeric keypad ) में कितने कुंजियाँ होते है? उत्तर ;- ज्यादातर डेस्कटॉप कंप्यूटर कीबोर्ड में एक संख्यात्मक कीपैड ( Numeric Keypad ) होता है, और अगर आप सारे नंबर और प्रतीक ( Symbol ) को गिनती ( Count ) करें, तब उसमें 17 कुंजियाँ होते है। वहीँ ऐप्पल कीबोर्ड में 18 कुंजियाँ होती हैं। लैपटॉप का स्क्रीनछोटा होने के कारण आमतौर पर ( Usually ) उनमें संख्यात्मक कीपैड नहीं होती है। प्रश्न: 03 | कीबोर्ड में वर्णमाला कुंजियाँ ( Alphabetic Keys ) की कितने कुंजियाँ होते हैं? उत्तर:- एक कीबोर्ड में 26 वर्णमाला कुंजियाँ ( Alphabetic Keys ) होते है। प्रश्न : 04 | कीबोर्ड में कितने नंबर कुंजियाँ ( Number Keys ) होते है? उत्तर:- आमतौर से एक कीबोर्ड में 10 नंबर कुंजियाँ ( Number Keys ) होते है, जो 1 से 0 तक होती है। प्रश्न: 05 | कीबोर्ड में कितने प्रतीक ( Symbol ) स्थित होते हैं? उत्तर:- एक अंग्रेज़ी QWERTY कीबोर्ड में लगभग 40 प्रतीक या सिम्बॉल्स ( जैसे, @, #, $, और % जो की अक्षर और नंबर नहीं होते है ) होते है। 28 कुंजियों के ऊपर। ये अंतर इसलिए क्यूंकि कुछ कुंजियों में दो से ज्यादा भी सिम्बॉल्स होते है। प्रश्न: 06 | संख्यात्मक कीपैड ( Numeric Keypad ) का उपयोग होता हैं ? उत्तर:- संख्यात्मक कीपैड ( Numeric Keypad ) कीबोर्ड के दांये तरफ होता है, इसमें 0 से 9 तक संख्याए होती है। साथ ही गणीतिय चिन्ह जोड़ (+), घटा (-), भाग (/), गुणा (*) तथा दशमलव ( . ) चिन्ह भी होते है। संख्यात्मक कीपैड का इस्तेमाल संख्याए लिखने के लिए किया जाता है, ये संख्याएं कीबोर्ड में दूसरी जगह भी होती है, लेकिन संख्यात्मक कीपैड से इन्हे जल्दी से लिखा जा सकता है इसके अलावा Numeric Keypad का use Navigation Keys की तरह भी कर सकते है।संख्यात्मक कीपैड को इस्तेमाल करने के लिए Num Lock कुंजी को चालू ( On ) रहना चाहिए। प्रश्न: 07 | आपको किस तरह का कीबोर्ड को खरीदना चाहिए ? उत्तर:- आपको हमेशा कीबोर्ड USB Port वाला ही लेना चाहिए क्योंकि यह Plug & Play Technology के साथ आते है या आप वायरलेस कीबोर्ड भी खरीद सकते है वह भी अच्छे होते है। प्रश्न: 08 | पहले के समय मे को कीबोर्ड किस Port की मदद से CPU के साथ कनेक्ट किया जाता था? उत्तर:- पहले कीबोर्ड को CPU से कनेक्ट करने के लिए PS/2 Port का इस्तेमाल किया जाता था।

  • Keyboard Indicator Light - कीबोर्ड संकेतक लाइट

    कीबोर्ड में तीन तरह की संकेतक लाइट ( Indicator light ) होती है। Num Lock Indicator Light Caps Lock Indicator Light Scroll Lock Indicator Light 01 | Num Lock Indicator Light जब कीबोर्ड में पहली लाइट ( Light ) जली होती है, तो इसका अर्थ है कि न्यूमेरिक कीपैड ( Numeric Keypad) चालु है, और यदि ये बंद हो तो इसका अर्थ है कि न्यूमेरिक कीपैड बंद है। 02 | Caps Lock Indicator Light दूसरी लाइट ( Light ) हमें अक्षरों ( Letters ) के अपरकेस यानी की बड़े अक्षर को और लोअरकेस यानी की छोटे अक्षरो के बारे में संकेत करती है। जब ये बंद होती है तो अक्षर लोअरकेस में टाइप होते है, और जब ये चालु होती है तो अक्षर अपरकेस टाइप में होते है। 03 | Scroll Lock Indicator Light तीसरी, जिसे Scroll Lock के नाम से जाना जाता है। यह हमें स्क्रॉलिंग ( Scrolling ) के बारे में संकेत करती है।

  • Hindi Keyboard Layout - हिंदी कीबोर्ड लेआउट

    एक नए सीखने वाले के लिए यह बहुत भ्रमित करने वाला होता है कि हिंदी टाइपिंग के लिए किस कीबोर्ड का उपयोग किया जाना चाहिए, इसलिए हम हिंदी में सभी प्रकार के कीबोर्ड की सब जानकारी प्रदान करते हैं। हिंदी कीबोर्ड पैटर्न और लेआउट इंटरनेट पर मुफ्त डाउनलोड के लिए उपलब्ध होते हैं। Types Of Hindi Keyboard Layouts हिंदी कीबोर्ड तीन प्रकार के हो सकते हैं; Remington Hindi Keyboard ( रेमिंगटन हिंदी कीबोर्ड ) INScript Hindi Keyboard ( इंस्क्रिप्ट हिंदी कीबोर्ड ) Phonetic Hindi Keyboard ( ध्वन्यात्मक हिंदी कीबोर्ड ) 01 | Remington Hindi Keyboard ( रेमिंगटन हिंदी कीबोर्ड ) रेमिंगटन कीबोर्ड लेआउट देवनागरी लिपि टाइप करने का अब तक का सबसे लोकप्रिय तरीका है। रेमिंगटन हिंदी कीबोर्ड एक मानक हिंदी टाइपिंग कीबोर्ड लेआउट है, जिसमें हिंदी फॉन्ट देवली ( Devlys ) और कृति देव ( Kruti Dev ) शामिल हैं। इस लेआउट को कंपनी ने इसी नाम से लोकप्रिय बनाया था। वे भारत में देवांगरी टाइपराइटर के सबसे लोकप्रिय निर्माता थे। इस प्रकार कीबोर्ड लेआउट को रेमिंगटन लेआउट के रूप में जाना जाने लगा। इंटरनेट युग की शुरुआत से पहले, व्यावहारिक रूप से सभी हिंदी टाइपिस्ट इस कीबोर्ड लेआउट के आदी हो चुके हैं। मध्य प्रदेश में सरकारी टाइपिंग आधारित परीक्षा जैसे सूचना सहायक पोस्ट (Information Assistant Post), एलडीसी पोस्ट (LDC Post), डाटा एंट्री ऑपरेटर ( Data Entry Operator ) एनआरएचएम (NRHM) में रेमिंगटन हिंदी कीबोर्ड का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। रेमिंगटन हिंदी कीबोर्ड के साथ तेजी से टाइपिंग सीखने के लिए स्मार्ट हिंदी टाइपिंग मास्टर का उपयोग करें। स्मार्ट हिंदी टाइपिंग मास्टर का उपयोग करके आप टाइपिंग परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त करने में सफलता प्राप्त करेंगे। रेमिंगटन हिंदी कीबोर्ड लेआउट पर कुछ अक्षर आमतौर पर पसंद नहीं होते हैं, क्योंकि इन विशेष वर्णों को Alt + Number कोड के शॉर्टकट संयोजन के साथ टाइप किया जा सकता है। 02 | INScript Hindi Keyboard ( इंस्क्रिप्ट हिंदी कीबोर्ड ) इनस्क्रिप्ट ( भारतीय लिपि के लिए संक्षिप्त ) मानक 104 या 105 कुंजी लेआउट का उपयोग करके भारतीय लिपियों के लिए मानक ( Standardized ) कीबोर्ड लेआउट होता है। यह भारत सरकार (GOI) द्वारा मानकीकृत एक कीबोर्ड लेआउट है, और यूनिकोड मानकों (Unicode standards) में विकास के आधार पर कुछ संशोधनों के माध्यम से चला गया है। इनस्क्रिप्ट कीबोर्ड लेआउट हिंदी पत्रकारों ( Journalists ) में कुछ लोकप्रिय है, जिन्हें इंटरनेट पर ब्लॉग या लेख लिखने की आवश्यकता होती है। हालाँकि वास्तविकता यह है कि भारत सरकार के मानक होने के बावजूद, सरकारी कार्यालयों ( Government Offices ) में व्यावहारिक रूप से सभी टाइपिंग अभी भी रेमिंगटन लेआउट का उपयोग करके होती है। एक प्राकृतिक टाइपिस्ट ( Natural Typist ) की टाइपिंग की आदतों को बदलना बेहद कठिन है। इनस्क्रिप्ट कीबोर्ड लेआउट का उपयोग कई सरकारी टाइपिंग परीक्षाओं जैसे एसएससी (SSC) टाइपिंग टेस्ट और डाटा एंट्री टेस्ट परीक्षा में भी किया जाता है। इंस्क्रिप्ट कीबोर्ड मंगल हिंदी फ़ॉन्ट ( Mangal Hindi Font ) के साथ काम करता है और टाइपिंग के लिए एसएससी टाइपिंग टेस्ट और डेटा एंट्री परीक्षा में इसका उपयोग किया जाता है। आपके विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम में इनस्क्रिप्ट कीबोर्ड लेआउट पहले से ही उपलब्ध है, आपको विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम में हिंदी इनस्क्रिप्ट कीबोर्ड को इनेबल करना होगा। 03 | Phonetic Hindi Keyboard ( ध्वन्यात्मक हिंदी कीबोर्ड ) ध्वन्यात्मक ( Phonetic ) का अर्थ है "जैसा आप बोलते हैं वैसा ही लिखें" या फिर "जैसा आप बोलते हैं वैसा ही टाइप करें" ("Type as you Speak")। सभी हिंदी लिप्यंतरण सॉफ्टवेयर ( Transliteration Software ) फोनेटिक कीबोर्ड लेआउट पर काम करते हैं। ध्वन्यात्मक कीबोर्ड का उपयोग करके देवनागरी शब्द लिखना उतना ही आसान है जितना कि अंग्रेजी में अपना नाम लिखना। उदाहरण के लिए, मेरा भारत महान को merA bhArat mahAn के रूप में लिखा जा सकता है। Baraha में संस्कृत, हिंदी और मराठी भाषाओं के लिए प्रयुक्त देवनागरी लिपि का समर्थन किया जाता है। फ़ोनेटिक कीबोर्ड लेआउट के साथ टाइप करने के लिए आप गूगल इनपुट टूल्स (Google Input Tools) का उपयोग कर सकते हैं। अंग्रेजी टाइपिंग की तुलना में हिंदी टाइपिंग सीखना बहुत आसान है, इसमें समय और अभ्यास की आवश्यकता होती है। स्मार्ट टाइपिंग मास्टर हिंदी टाइपराइटर की तरह डिजाईन किया गया है जो गवर्नमेंट टाइपिंग एग्जाम जॉब जैसे सूचना सहायक व आर पी एस सी- एल डी सी परीक्षा की हिंदी व इंग्लिश टाइपिंग की तैयारी के लिये बहुत ही उपयोगी सॉफ्टवेयर हैं ।

  • Keyboard Shortcut - कीबोर्ड शॉर्टकट

    What is keyboard shortcut? ( कीबोर्ड शॉर्टकट क्या है? ) कीबोर्ड शॉर्टकट कुंजियों (Keys) का एक संयोजन (Combination) होता है, जो एक साथ दबाए जाने पर कुछ ऐसे कार्य करते हैं, जिन्हें आमतौर पर माउस या जिन्हे हम अन्य किसी इनपुट डिवाइस (Input Device) के उपयोग की आवश्यकता होती है। For Example; Ctrl+C कुंजी से किसी भी टेक्स्ट को Copy (कॉपी) किया जाता हैं। Ctrl+X Cut कुंजी से किसी भी टेक्स्ट को Cut (कट) करके हम दूसरे स्थान पर Paste (पेस्ट) कर सकते हैं। Alt+F कुंजी से किसी भी सॉफ्टवेयर के File Menu (फाइल मेन्यु) को ओपन करने के लिया किया जाता हैं। Alt+F4 कुंजी से किसी भी सक्रिय विंडो प्रोग्राम Close (बंद) करने के लिए किया जाता हैं।

  • Keyboard Layouts - कीबोर्ड लेआउट

    कीबोर्ड पर कुंजी व्यवस्था (Keys Arrangement) को कीबोर्ड की लेआउट कहते हैं। बहुत से अलग-अलग प्रकार के कीबोर्ड लेआउट उपलब्ध होते है जिन्हें की अपने क्षेत्र, देश और भाषा के हिसाब से उत्पादन (Manufacture) किया जाता है। Types Of Keyboard Layouts ( कीबोर्ड लेआउट के प्रकार ) आज के समय मे अगर देखा जाए तो बुनियादी रूप से कीबोर्ड लेआउट को 2 भागों में बांटा गया है, जो प्रत्येक देश की भाषा के आधार पर कुंजी ( Keys ) को अलग अलग लेआउट में बनाया गया गया है। वैसे तो आज के समय मे कई प्रकार के कीबोर्ड लेआउट मार्केट में मौजूद है, लेकिन सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाला कीबोर्ड लेआउट ‘QWERTY’ ही है। तो चलिए अब दोनों प्रकार के कीबोर्ड लेआउट के बारे मे जान लेते है। QWERTY Keyboard Layout Non-QWERTY Keyboard Layout 01 | QWERTY Keyboard Layout i}. QWERTY इसको वर्ष 1868 में Christopher Latham Sholes ने विकसित किया था। यह सबसे आम और लोकप्रिय कीबोर्ड लेआउट होती है।QWERTY को कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। ‘QWERTY‘ को इसका नाम कीबोर्ड में अक्षरो (letters) की शीर्ष पंक्ति (Top Row) के पहले अक्षरो की वजह से रखा गया है। इस लेआउट को दुनियाभर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल में लाया जाता है और इसे पहले की 6 अक्षरो के अनुसार ही नामित किया गया है जो की आप पहले की शीर्ष पंक्ति (Top Row) में देख सकते है। इसे प्राय सभी देशों में इस्तेमाल में लाया जाता है। इसे इतना ज्यादा इस्तेमाल में लाया जाता है की बहुत से लोग ये सोचते है की यही एक प्रकार का ही कीबोर्ड मौजूद हैं। 1800 दशक में QWERTY लेआउट को mechanical typewriters के लिए डिजाईन किया गया था। यह लेआउट डिज़ाइन करने का उद्देश्य टाइपिंग गलतियों को कम करना था। हालांकि यह सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला कीबोर्ड लेआउट है, लेकिन यह टाइप करने के लिए सबसे तेज़ लेआउट नहीं होती है। ii}. QWERTZ : यह कीबोर्ड मुख्य रूप से यूरोपीय देशों में उपयोग किया जाता है और इसके अक्षर Q, W, E, R,T, Z से शुरू होते है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यहाँ Y के मुकाबले Z का अधिक इस्तेमाल टाइपिंग के दौरान किया जाता है। iii}. AZERTY AZERTY, QWERTY लेआउट का फ्रेंच संस्करण (French version) है, इसे फ्रांस देश में विकसित किया गया था। एक दुसरे उतार-चढ़ाव (Variation) के हिसाब से QWERTY लेआउट का और इसे मानक फ्रेंच कीबोर्ड (standard French keyboard) भी माना जाता है। यह कीबोर्ड QWERTY कीबोर्ड से थोड़ा अलग है जैसे कि Q और W कुंजी को A कुंजी के जगह पर बदल दिया गया है। iv}. QZERTY यह कीबोर्ड लेआउट QWERTY लेआउट का इटालियन संस्करण ( Version ) है, इस कीबोर्ड में QWERTY के W, कुंजी को Z से बदल दिया गया है। 02 | Non-QWERTY Keyboard Layout i}. DVORAK इस लेआउट को उंगलियों की गति (Finger Movement) को कम करने के लिए बनाया गया है, जिससे QWERTY और AZERTY कीबोर्ड की तुलना में इसमें ज्यादा जल्दी और फ़ास्ट टाइप किया जा सकता है और उंगलियों के मांशपेशियों को भी आराम मिलता है। अगर मैं अभी की बात करूँ तब वर्तमान समय में जिन कीबोर्ड का उपयोग किया जाता है, वे अधिकतर ‘QWERTY’ ही होते है। August Dvorak और William Dealey ने वर्ष 1930 में Dvorak कीबोर्ड लेआउट डिजाइन किया था। यह टाइपिंग पेशेवरों द्वारा सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला लेआउट होती है। विश्व के सबसे तेज टाइपिस्ट मैन Barbara Blackburn ने विश्व रिकॉर्ड (World Record)बनाने के लिए इस लेआउट का उपयोग किया, इस कीबोर्ड में अक्षरो (Letters) के उपयोग के हिसाब से कुंजियों को व्यवस्थित (Systematic) किया गया है। 📝Note:- इसमे सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाले E कुंजी को बीच में रखा गया है। ii}. COLEMAK यह कीबोर्ड लैटिन लिपि का कीबोर्ड लेआउट है, इस कीबोर्ड में Dvorak और Qwerty कीबोर्ड के लेआउट को कॉम्बिनेशन करके उपग्रेड किया गया था, इसमें टाइपराइटर से भी अधिक टाइपिंग होती हैं। यह QWERTY और Dvorak का एक आधुनिक कीबोर्ड लेआउट है, इसको 2006 में Shai Coleman ने डिज़ाइन किया है और इसी कारण इसका नाम Coleman कीबोर्ड रखा गया है। इसको इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि टाइपिंग की स्पीड को बढ़ाता है और इसके साथ यह आरामदायक ( Comfortable ) भी है तथा यह QWERTY और Dvorak के बाद सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाली 3 कीबोर्ड लेआउट में से एक है। iii}. Workman यह कीबोर्ड लेआउट मुख्य रूप से प्रोग्रामिंग और कोडिंग करने वालो को देखते हुए बनाया गया है। यह कीबोर्ड लेआउट हाथों के बीच के खिंचाव को काफी कम करता है और उपयोगकर्ता को आरामदायक प्रदान करता है।

  • Types Of Keyboards - कीबोर्ड के प्रकार

    संरचना ( बनावटी ) के आधार पर कीबोर्ड 11 प्रकार के होते हैं। जो प्रकर से निम्म है; Normal Keyboard ( साधारण कीबोर्ड ) Wireless Keyboard ( तार रहित की-बोर्ड ) Ergonomic Keyboard ( एर्गोनोमिक की-बोर्ड ) Virtual Keyboard ( वर्चुअल कीबोर्ड ) On Screen Keyboard ( ऑन स्क्रीन कीबोर्ड ) Flexible Keyboard ( लचीला कीबोर्ड ) Projection Keyboard ( प्रोजेक्शन कीबोर्ड ) Gaming Keyboard ( गेमिंग कीबोर्ड ) Mechanical Keyboard ( मैकेनिकल कीबोर्ड ) Membrane Keyboard ( झिल्ली कीबोर्ड ) Multimedia Keyboard ( मल्टीमीडिया कीबोर्ड ) 01 | Normal Keyboard ( साधारण कीबोर्ड ) साधारण कीबोर्ड वे कीबोर्ड होते हैं, जो सामान्य रूप से प्रयोग किये जाते हैं, जिसे उपयोगकर्ता अपने कम्प्यूटर सिस्टम में प्रयोग करता हैं। इसका आकार आयताकार होता है, इसमें लगभग 108 कुंजियां होती हैं एवं कंप्यूटर से कनेक्ट करने के लिए इसमें एक केबल होती हैं, जिसे केबिनेट के साथ जोडा जाता हैं। 02 | Wireless Keyboard ( तार रहित की-बोर्ड ) तार रहित की-बोर्ड (Wireless Keyboard) पउपयोगकर्ता को की- बोर्ड में तार यानि कि केबल के प्रयोग से छुटकारा दिलाता है। यह की-बोर्ड सीमित दूरी तक कार्य करता है। यह तार रहित की-बोर्ड थोडा महँगा होता है तथा इसमें थोड़ी तकनीकी जटिलता होती है। इसमें तकनीकी जटिलता होने के कारण इसका प्रचलन बहुत अधिक नहीं हो पाया था लेकिन यह वक्त के साथ वर्तमान में इस प्रकार तार रहित की-बोर्ड का बाजार में बहुत ही ज्यादा डिमांड बढ़ती जा रही हैं। इस कीबोर्ड को कंप्यूटर या लैपटॉप या किसी डिवाइस में जोड़ने (Connect) के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी ( RF-Radio Frequency ), इन्फ्रारेड (IR- infrared) या Bluetooth का प्रयोग किया जाता है। इस कीबोर्ड में बैटरी ( Battery or Dry Cell) लगाया जाता है जो एक निश्चित समय के बाद खत्म हो जाता है और फिर उस बैटरी को बदलना पड़ता है। 03 | Ergonomic Keyboard ( एर्गोनोमिक की-बोर्ड ) बहुत सारी कंपनियों ने एक खास प्रकार के की-बोर्ड का निर्माण किया है, जो सिर्फ़ उपयोगकर्ता को टाइपिंग करने में दूसरे की-बोर्ड की अपेक्षा आराम देता है।ऐसे की-बोर्ड अरगानोमिक की-बोर्ड (Ergonomic Keyboard) कहलाते है। ऐसे की-बोर्ड विशेष तौर पर उपयोगकर्ता (users) की कार्य क्षमता को बढाने के साथ-साथ लगातार टाइपिंग करने के कारण उत्पन्न होने वाले हाथों की कलाई (Wrist) के दर्द को कम करने में सहायता देता है। 04 | Virtual Keyboard ( वर्चुअल कीबोर्ड ) वर्चुअल कीबोर्ड का अर्थ होता हैं - आभाषी। वर्चुअल कीबोर्ड सॉफ्टवेयर प्रोग्राम द्वारा तैयार किया जाता हैं, जिसमें कीबोर्ड का प्रतिबिंब किसी सतह पर उतारा (Projection) जाता हैं। सतह पर बने कीबोर्ड के आभाषी प्रतिबिंब या चित्र में किसी कुंजी को छूकर कंप्यूटर में डाटा या निर्देशों को डाला जा सकता हैं। वर्चुअल कीबोर्ड में कोई मशीनी पुर्जा नहीं होता हैं। अत: इसमें ज्यादा टूट-फुट की संभावना नहीं होती हैं तथा साफ-सफाई की भी ज़रूरत नहीं होती हैं। 05 | On Screen Keyboard ( ऑन स्क्रीन कीबोर्ड ) यह एक एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होता हैं, जिसमें हम कीबोर्ड को कंप्यूटर की डिस्प्ले स्क्रीन पर ही दिखाई देता हैं। ऑन स्क्रीन कीबोर्ड को माउस या टच स्क्रीन या फिर किसी अन्य प्वाइंटिंग डिवाइस की सहायता से प्रयोग में लाया जाता हैं। यह वर्चुअल कीबोर्ड का ही एक रूप होता हैं। आजकल, टैबलेट तथा स्मार्टफोन में डाटा डालने के लिए ऑन स्क्रीन कीबोर्ड का प्रचनल बढ़ रहा हैं। 06 | Flexible Keyboard ( लचीला कीबोर्ड ) यह कीबोर्ड लचीला ( Flexible ) होता है जिसके कारण हम लोग इसको बहुत ही आसनी मोड़ सकते हैं और यह टूटेगा भी नहीं। लचीला होने के कारण हम लोग इस को मोड़कर जगह को बचा सकते हैं और इसको कहीं पर भी ले जा सकते हैं आसानी से, वो भी यह बहुत ही कम स्थान घेरता है। यह कीबोर्ड सिलिकॉन रबर से बना होता है जो कि धूल, मिट्टी, पानी के प्रतिरोध होता है। 07 | Projection Keyboard ( प्रोजेक्शन कीबोर्ड ) इस कीबोर्ड को हम लोग लेजर कीबोर्ड ( Laser Keyboard) भी कहते हैं। यह कीबोर्ड एक काल्पनिक कीबोर्ड है। जो लेजर के द्वारा बनाया जाता है। लेजर मशीन ( Laser Machine ) एक समतल जगह पर प्रक्षेपण कीबोर्ड ( Projection Keyboard ) बनाता है, जिस पर टाइपिंग करने के लिए हम लोगों को सिर्फ अपना उंगली को किसी जगह स्पर्श ( Touch ) करना पड़ता है। इसके बाद लेजर को सेंसर के जरिए सिग्नल मिल जाता है और फिर वह शब्द (Word) हमारे कंप्यूटर या PC के स्क्रीन पर लिखा जाता है। इस लेजर कीबोर्ड डिवाइस को कंप्यूटर से ब्लूटूथ ( Bluetooth ) के जरिए जोड़ा जाता है। 08 | Gaming Keyboard ( गेमिंग कीबोर्ड ) इस प्रकार के कीबोर्ड को विशेष रूप से गेमर्स यानि कि गेम खेलने वालों के लिए डिज़ाइन किया जाता हैं। यह कीबोर्ड एक सामान्य कीबोर्ड से कुछ अलग होता है। इस कीबोर्ड में कुंजियाँ ( keys ) के चारों तरफ लाइट लगा होता है, जिसके कारण रात में भी इसको आसानी से चलाया जा सकता है और गेम खेला जा सकता है। इस कीबोर्ड में सामान्य कीबोर्ड से कुछ कम कुंजियाँ ( keys ) होता हैं। इसमें गेम खेलने के लिए अधिकतर W, A, S और D कुंजियों एवं इसके आसपास की कुंजियों और ESC कुंजी का प्रयोग किया जाता है। 09 | Mechanical Keyboard ( मैकेनिकल कीबोर्ड ) यह कीबोर्ड भी एक सामान्य कीबोर्ड से कुछ अलग होता है, बस इसके कुंजियों ( Keys ) के दबाने ( Press ) करने में अंतर होता है। इस कीबोर्ड के कुंजियाँ (Keys) ज्यादा उबरा हुआ होता हैं, जिसके कारण कुंजियों को दबाने ( Press ) पर करने पर आवाज निकलता है। ज्यादा उबरा हुआ होने के कारण हम लोग इस कीबोर्ड में जल्दी से जल्दी टाइपिंग कर सकते हैं। इस कीबोर्ड का दाम सामान्य कीबोर्ड के दाम से काफी ज्यादा होता है। 10 | Membrane Keyboard ( झिल्ली कीबोर्ड ) इस कीबोर्ड के कुंजियों ( Keys ) के बीच में जगह नहीं होता है, जिसके कारण इससे लिखने में देरी और कठिनाई होता है। इस कीबोर्ड का दाम बहुत ही कम होता है। इस कीबोर्ड के जरिए किसी भी नॉर्मल तरह का गेम खेलने में बहुत ही ज्यादा परेशानी होता है। 11 | Multimedia Keyboard ( मल्टीमीडिया कीबोर्ड ) यह कीबोर्ड भी एक सामान्य कीबोर्ड की तरह ही होता है बस इसमें कुछ अन्य विशेष कुंजियाँ ( Special Keys ) लगे होते हैं।

  • Parts Of Keyboard - कीबोर्ड के भाग

    हम की-बोर्ड की संरचना के आधार पर इसकी कुंजियो को छ: भागो में वर्गिकृत किया जा सकता हैं; • Alphanumeric Or Typewriter Keys ( अक्षरांकीय या टाइपराइटर कुंजियाँ ) • Numeric Keypad ( संख्यात्मक की-पैड ) • Functions Keys ( फंक्शंस कूंजी ) • Special Purpose Keys ( विशेष प्रयोजन कुंजी ) • Modifier Keys ( संशोधक कुंजियाँ ) • Courser Movement Keys ( कर्सर मूवमेंट कुंजी ) • Other Four Cursor Control Keys ( अन्य चार कर्सर नियंत्रण कुंजियाँ ) 01 | Alphanumeric Keys ( अक्षरांकीय या टाइपराइटर कुंजियाँ ) अल्फानुमेरिक बटन यह की-बोर्ड के केन्द्र में स्थित होता हैं। इसमें अंग्रेजी वर्णमाला के A से Z तक के अक्षर, नम्बर 0 से 9 तक की संख्या और विशेष सिंबॉल (प्रतीक) जैसे कि @, #, $, %, ^, *, &, +, !, = आदि होते हैं। इस खंड में अंको, चिन्हों, तथा वर्णमाला के अतिरिक्त चार कुंजियाँ Tab, Caps Lock, Backspace तथा Enter कुछ विशिष्ट कार्यों के लिये होता हैं। 02 | Numeric Key-Pad ( संख्यात्मक की-पैड ) "कीबोर्ड की दायीं ओर कैलकुलेटर के समान स्थित कुंजियों को संख्यात्मक की-पैड कहा जाता हैं।" न्यूमेरिक की-पैड में लगभग 17 कुंजियाँ होती हैं। जिनमे से 0 से 9 तक के अंक, नमलॉक बटन (Num Lock), अप, डाउन, लेफ्ट और राइट तथा गणितीय ऑपरेटर (Mathematics operators) जैसे कि + (जोड़), - (घटाव), * (गुणा), / (भाग) और Enter Key होता हैं। इनका प्रयोग संख्यात्मक डाटा को तीव्र गति से भरने के लिए किया जाता हैं। 📝Note:- ध्यान रहें कि 0 से 9 तक की संख्याओं की कुंजियां अल्फानुमेरिक कुंजी पर भी होते हैं तथा दोनों का समान परीणाम होता हैं। Two Types Work Of Numeric Keypad ( न्यूमेरिक की-पैड के दो प्रकार के कार्य ) न्यूमेरिक की-पैड की कुछ कुंजियां दो प्रकार से कार्य करते हैं। इन कुंजियों का प्रयोग कीबोर्ड द्वारा कर्सर को एक स्थान से दुसरे स्थान तक ले जानें के लिए माउस के विकल्प के रूप में भी किया जाता हैं। अत: इन्हें कर्सर नियंत्रण कुंजी (Cursor Control Key) भी कहा जाता हैं। इनका उपयोग कंप्यूटर गेम को नियंत्रित करने में भी किया जाता हैं। यदि Num Lock कुंजी ऑन हैं तो Numeric Key-Pad का उपयोग संख्याओं को टाइप करने के लिए होता हैं। यदि Num Lock कुंजी ऑफ हैं तो इन कुंजियों का प्रयोग एरो कूंजी (Arrow Key) तथा End, Home, Page Up, Page Down, Insert और Delete फंक्शंस के तौर पर किया जाता हैं। Num Lock कुंजी ऑफ होने पर इनसे संखाएँ टाइप नहीं की जा सकती हैं। किसी-किसी कीबोर्ड में Num Lock ऑन होने पर एक हरी या पीली बत्ती जलती हैं। 03 | Functions Keys ( फंक्शंस कूंजी ) यह की-बोर्ड के सबसे ऊपर में होती हैं। जिसमें ये 1 से 12 तक की फंक्शन कुंजियाँ होती हैं। जो क्रमश: F1, F2, F3, F4, F5, F6, F7, F8, F9, F10, F11 और F12 तक होता हैं। ये कुंजियाँ निर्देशों को शॉट-कट के रूप में प्रयोग करने में सहायक होती हैं, इन कुंजियों के कार्य सॉफ्टवेयर के अनुरूप वक्त के साथ बदलते रहते हैं। इससे समय की बचत होती हैं। 04 | Special Purpose Keys ( विशेष उद्देश्य कूंजी ) "कंप्यूटर कीबोर्ड के कुछ कुंजियों को किसी खास उद्देश्य के लिए बनाए जाते हैं, जिन्हें विशेष उद्देश्य कूंजी कहा जाता हैं।" ये कुंजियाँ कुछ विशेष कार्यों को करने के लिये प्रयोग किए जाते हैं। जैसे- Sleep, Power, Volume, Start, Shortcut, Esc, Tab, Insert, Delete, Print SysRq, Scroll Lock और Pause Break इत्यादि। ये कुंजियाँ नये ऑपरेटिंग सिस्टम के कुछ विशेष कार्यों के अनुरूप होती हैं। Some Special Purpose Key & Function ( कुछ विशेष प्रयोजन कुंजी और कार्य ) कुछ विशेष उदेश्य कुंजियां और उनके कार्य इस प्रकार हैं; Num Lock Key ( न्यूमेरिक लॉक कुंजी ) इसका प्रयोग संख्यात्मक कुंजियों के साथ किया जाता हैं। नम लॉक (Num Lock) ऑन होने पर कीबोर्ड के ऊपर दायीं ओर एक हरी या पीली बत्ती (लाइट) जलती हैं तथा संख्यात्मक की-पैड की कुंजी के ऊपर लिखीं संख्याएं टाइप करते हैं। नम लॉक (Num Lock) ऑफ होने पर ये कुंजियां निचे लिखें कार्य को संपन्न करते हैं। Caps Lock Key ( कैप्स लॉक कुंजी ) इस कुंजी का उपयोग अंग्रेज़ी वर्णमाला को छोटे अक्षरों (Small Letters/Lowercase) या बड़े अक्षरों (Capital Letters/Uppercase) में लिखने के लिए किया जाता हैं। कैप्स लॉक कुंजी दबाने पर ऊपर दायीं ओर एक बत्ती जलती हैं तथा की-बोर्ड के संबन्धित कुंजियों द्वारा वर्णमाला को बड़े अक्षरों में लिखा जाता हैं। कैप्स लॉक कुंजी दूसरी बार दबाने पर बत्ती (लाइट) बंद हों जाती हैं और वर्णमाला के छोटे अक्षरों को टाइप किया जा सकता हैं। कैप्स लॉक ( Caps Lock) और नम लॉक (Num Lock) दोनों ही कुंजी को टॉगल कुंजी (Toggle Key) भी कहते हैं, क्योंकि हर बार कुंजी प्रेस करने पर इनका फंक्शन उल्टा (Reverse) हों जाता हैं। Tab Key ( टैब कुंजी ) यह कर्सर को एक निश्चित दूरी, जो रूलर (Ruler) द्वारा तय की जा सकती हैं, तक 5 कैरेक्टर का स्थान देने के लिए किया जाता हैं। किसी चार्ट, टेबल या एक्सेल प्रोग्राम में एक खाने से दुसरे खाने तक जानें के लिए भी हम टैब कुंजी का प्रयोग किया जाता हैं। टैब कुंजी से वर्ड प्रोग्राम में पैराग्राफ को इंडेंट (Indent) भी किया जा सकता हैं। इसके द्वारा डायलॉग बॉक्स में उपलब्ध विकल्पों में से किसी एक का चयन भी किया जा सकता हैं। इसका उपयोग हम Alt+Tab शॉर्टकट कुंजी का उपयोग करके हम खुले हुए विभिन्न विंडो में, एक विंडो से दुसरे विंडो में जानें के लिए भी किया जाता हैं। Enter Key ( एंटर कुंजी ) कंप्यूटर को दिए गए निर्देशों को क्रियान्वित करने के लिए तथा स्क्रीन पर टाइप डाटा को कंप्यूटर में भेजने के लिए एंटर कुंजी का प्रयोग किया जाता हैं। वर्ड प्रोसेसिंग प्रोग्राम में नया पैराग्राफ या लाइन आरंभ करने का कार्य भी इससे किया जाता हैं। कभी कभी, कीबोर्ड में एंटर कुंजी को पहचान के लिए एक विशेष आकार प्रदान किया जाता हैं। Esc - Escape Key ( एस्केप कुंजी ) इस कुंजी का प्रयोग पिछले कार्य को समाप्त करने या किसी चालू प्रोग्राम के बाहर जानें (Exit) के लिए होता हैं। इसका इस्तेमाल हम टैली सॉफ्टवेयर में ज्यादा किया जाता हैं, जिससे हम इस सॉफ़्टवेयर को बंद (Close) करने के लिए, एक स्टेप पीछे जानें के लिए किया जाता हैं। Back Space Key ( बैक स्पेस कुंजी ) इसके प्रयोग से कर्सर के ठीक बायीं ओर स्थित कैरेक्टर या स्पेस (जगह) को एक-एक कर मिटाया जाता हैं। इसका उपयोग टाइपिंग के समय गलतियों को ठीक करने में किया जाता हैं। Del - Delete Key ( डिलीट कुंजी ) इसका उपयोग हम कर्सर के ठीक दायीं ओर स्थित कैरेक्टर या स्पेस को एक एक कर मिटाने के लिए किया जाता हैं। इससे कर्सर के बाद के सभी डाटा एक स्थान से बायीं ओर खिसक जाते हैं। इससे चयनित शब्दों, लाइन्स, पैराग्राफ, पेज या फाइल को एक साथ डिलीट या मिटाने के लिए किया जा सकता हैं। Print SysRq - Print Screen Key ( प्रिंट स्क्रीन कुंजी ) इससे स्क्रीन पर जो कुछ भी दिख रहा होता हैं, उसे प्रिंट या स्क्रीन शॉट लिया जा सकता हैं। प्रिंट स्क्रीन कुंजी कंप्यूटर स्क्रीन का फ़ोटो क्लिप बोर्ड में संग्रहित कर लेता हैं, जिसे बाद में किसी अन्य प्रोग्राम में पेस्ट (Paste) या एडिट किया जा सकता हैं। Scroll Lock Key ( स्क्रॉल लॉक कुंजी ) इस कुंजी को दबाने से कंप्यूटर स्क्रीन पर आ रही सूचना एक स्थान पर रुक जाती हैं। सूचना को फिर से शुरू करने के लिए यही कुंजी दुबारा दबाना पड़ता हैं। Pause Break Key ( पॉज ब्रेक कुंजी ) इसका कार्य स्क्रॉल लॉक कुंजी जैसा ही होता हैं। किसी भी दुसरे कुंजी को दबाने पर सूचना पुन: आनी शुरु हों जाती हैं। Insert Key ( इंसर्ट कुंजी ) इसका उपयोग पहले से संग्रहित डाटा पर ओवरराइट (Overwrite) करने के लिए किया जाता हैं। इंसर्ट कुंजी दबाकर कोई टाइपिंग कुंजी दबाने पर कर्सर के ठीक बाद स्थित अंक या अक्षर मिट जाता हैं तथा उसके स्थान पर नया टेक्स्ट टाइप हों जाता हैं। Space Bar ( स्पेस बार ) यह कीबोर्ड में सबसे निचली पंक्ति के बीच में स्थित सबसे बड़ी कुंजी होती हैं। सामान्यत: इसका उपयोग टाइप करते समय अक्षरों तथा अंकों के बीच खाली स्थान (स्पेस) डालने तथा कर्सर को एक स्थान दायीं ओर खिसकाने के लिए किया जाता हैं। इसे इतना बड़ा इसलिए बनाया जाता हैं ताकि हम दोनों हाथों के से टाइप करते किसी भी हाथ के अंगूठे से इसका इस्तेमाल किया जा सके। मोडिफायर कुंजी के साथ इसका प्रयोग सॉफ्टवेयर के अनुसार अन्य कार्यों के लिए भी किया जाता हैं। वीडियो गेम में भी इसे एक मुख्य बटन के रूप में प्रयोग किया जाता हैं। Ctrl+Alt+Del - Control+Alternate+Delete Key ( कंट्रोल+ऑल्टरनेट+डिलीट कुंजी ) इन तीनों कुंजियों को एक साथ दबाने पर कंप्यूटर में चल रहे प्रोग्राम बंद हों जाते हैं तथा फिर से स्वयं शुरु वाली अवस्था में पहुंच जाता हैं। ऐसा अक्सर तब किया जाता हैं। जब हमारा कम्प्यूटर हैंग (Hang) हों जाता हैं अर्थात् किसी भी अन्य कुंजी के आदेश का पालन नहीं करता। इन कुंजियों का प्रयोग कंप्यूटर को रिस्टार्ट (Re-Start) करने के लिए भी किया जाता हैं, इसे रिसेट (Reset) भी कहते हैं। Stick Key ( स्टिक कुंजी ) वे उपयोगकर्ता जो दो या दो से अधीक कुंजियों को एक साथ दबाने में असुविधा महसूस करते हैं, उनकी सुविधा के लिए स्टिक कुंजी का प्रयोग किया जाता हैं। इसमें उपयोगकर्ता मोडिफायर्स कुंजियों जैसे कि Ctrl, Shift, Alt या Win कुंजियों को लगातार दो बार दबाकर कर तब तक सक्रिय रख सकता हैं जब तक दूसरा कुंजी न दबा दिया जाए। 05 | Modifier Keys ( संशोधक कुंजियाँ ) "कंप्यूटर कीबोर्ड का वह कोई कुंजी या कुंजियों का समूह जिसके प्रयोग से किसी अन्य कुंजी से होने वाले कार्य में परिवर्तन हों जाता हैं, वह कुंजी मोडिफायर कुंजी कहलाता हैं।" मोडिफायर कुंजी स्वयं कोई कार्य नहीं करता हैं, परंतु दुसरे कुंजियों के कार्यों में बदलाव करता हैं। मोडिफायर कुंजी का उपयोग किसी अन्य कुंजी के साथ मिलकर किसी विशेष कार्य को संपादित करने के लिए किया जाता हैं। इसमें चार कुंजियाँ होती हैं, जिनके नाम Shift, Alt (Alternate), Ctrl (Control) तथा Windows Key हैं। इनको अकेला दबाने पर कोई खास प्रयोग नहीं होता हैं, परन्तु जब अन्य किसी कुंजी के साथ इनका प्रयोग होता हैं तो ये उन कुंजियो के इनपुट को यह बदल देती हैं। इसलिए ये मॉडिफायर कुंजी कहलाती हैं। इन कुंजियों का अधिकतर उपयोग शॉर्टकट्स के लिए किया जाता हैं। इनका प्रयोग कंप्यूटर साफ्टवेयर के अनुसार बदलता रहता हैं। सुविधा के लिए कीबोर्ड पर Shift, Alt, Ctrl तथा Windows Key के दो-दो कुंजियां बनाए जाते हैं, जो अल्फानुमेरिक कुंजी के दोनों छोरों पर स्थित होते हैं। Shift Key ( शिफ्ट कुंजी ) इसे संयोजन कूंजी (Combination Key) भी कहते हैं क्योंकि इसका उपयोग किसी और अन्य कुंजियों के साथ किया जाता हैं। किसी कुंजी पर दो चिन्ह रहने पर शिफ्ट कूंजी के साथ उस कूंजी को दबाने पर दूसरा चिन्ह या निचे वाला चिन्ह टाइप होता हैं। उस कुंजी को अकेले दबाने पर ऊपर लिखा चिन्ह टाइप होता हैं। अगर कैप्सलॉक कूंजी ऑन हैं, तो शिफ्ट कुंजी के साथ वर्णमाला के कूंजी दबाने पर छोटे अक्षर टाइप होते हैं। अगर कैप्सलॉक कुंजी ऑफ हैं तो शिफ्ट कूंजी के साथ वर्णमाला के कुंजी दबाने पर बड़े अक्षर टाइप होते हैं। Alt Key ( ऑल्ट कुंजी ) यह कुंजी अन्य कुंजियों के साथ वैकल्पिक कार्य प्रदान करती हैं। उदाहरण के लिए Alt कुंजी को दबाए रखकर P कुंजी को दबाने पर PRINT टाइप हों जायेगा। इसी प्रकार I कुंजी दबाने पर Input टाइप हों जायेगा। D कुंजी दबाने पर DELETE टाइप हों जायेगा। Ctrl Key ( कन्ट्रोल कुंजी ) इसे नियंत्रण कुंजी (Control Key) कहते हैं। यह कंप्यूटर सिस्टम को कमांड प्रदान करने के लिए उपयोग में आती हैं। इन्हें भी किसी अन्य कुंजियों के साथ उपयोग में लाया जाता हैं। यथार्थ रूप में Ctrl कुंजी क्या काम करेगा यह उस सॉफ्टवेयर पर निर्भर करता हैं, जिसका हम उस समय उपयोग कर रहे हैं। Win Key ( विंडो कुंजी ) 06 | Cursor Movement Keys ( कर्सर मूवमेंट कुंजी ) की-बोर्ड में दाएं निचले भाग में तीर के निशान वाले चार कुंजियां होती हैं, जिनसे कर्सर को दाएं (➡️), बाएं (⬅️), ऊपर (⬆️) तथा नीचे (⬇️) ले जाया जा सकता हैं। इन्हें क्रमश: दायां, बायां, ऊपर तथा निचे (Right, Left, Up & Down Arrow Key) एरो कुंजियां भी कहते हैं। इन्हें एक बार दबाने पर कर्सर एक स्थान से बाएं या दाएं या एक लाइन ऊपर या फिर एक लाइन निचे हों सकता हैं, इसलिए इसे नेविगेशन कुंजी (Navigation Key) भी कहा जाता हैं। इन एरो कुंजियों की मदद से हम वेबसाईट पेज को भी ऊपर, नीचे करने के लिए और हम वाल्यूम को कम या ज्यादा करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता हैं। यह सॉफ्टवेयर के हिसाब से अलग अलग कार्य कर सकता हैं। 07 | Other Four Cursor Control Keys ( अन्य चार कर्सर नियंत्रण कुंजियाँ ) ठीक कर्सर मूवमेंट कुंजी या एरो कुंजी के ऊपर कर्सर कंट्रोल के लिए चार कुंजियां और होती हैं, जो इस प्रकार निम्न हैं; Home Key ( होम कुंजी ) यह कर्सर को लाइन के प्रारंभ में ले जाता हैं। Home तथा Ctrl कुंजी को एक साथ दबाने पर कर्सर वर्तमान पेज या डॉक्युमेंट (दस्तावेज़) के आरंभ में चला जाता हैं। किसी वेब पेज को देखने के दौरान Home कुंजी दबाने पर कर्सर उस वेब पेज के प्रारम्भ में पहुंच जाता हैं। End Key ( एंड कुंजी ) यह कर्सर को लाइन या पेज के अंत में ले जाता हैं। End तथा Ctrl कुंजी को एक साथ दबाने पर कर्सर वर्तमान पेज या डॉक्युमेंट (दस्तावेज़) के अंत में चला जाता हैं। किसी भी वेब पेज को देखने के दौरान End कुंजी दबाने पर कर्सर उस वेब पेज के अंत में पहुंच जाता हैं। Page Up Key ( पेज अप कुंजी ) यह कर्सर को डॉक्युमेंट (दस्तावेज़) के पिछले पेज में ले जाता हैं। Page Down Key ( पेज डाउन कुंजी ) यह कर्सर को डॉक्युमेंट (दस्तावेज़) के अगले पेज पर ले जाता हैं।

  • Keyboard - कीबोर्ड

    What Is Keyboard? ( कीबोर्ड क्या हैं? ) की-बोर्ड एक प्रचलित इलेक्ट्रोमैकेनिकल इनपुट उपकरण और कंप्यूटर का एक पेरिफेरल होता है, जो आंशिक रूप से टाइपराइटर के की-बोर्ड की भांति होता हैं। की-बोर्ड को अल्फानुमेरिक डाटा, टेक्स्ट तथा कैरेक्टर इनपुट करने के लिये डिजाइन किया गया हैं। यह एक CUI (Character User Interface) यूजर फ्रेंडली इनपुट उपकरण हैं। How is the keyboard? ( कीबोर्ड कैसा होता हैं? ) भौतिक रूप से, कंप्यूटर का की-बोर्ड आयताकार होता हैं। पुराने मॉडल के कीबोर्ड में 84 कुंजियां (Keys) होती थी। कुछ अपग्रेडेड कीबोर्ड में 101, 102, 105, 104, 106, 108, 110 कुंजियां होने लगी हैं। आजकल 104 कुंजियों वाले "QWERTY" की-बोर्ड का प्रयोग प्रचलन में हैं। इसमें कुंजियों की व्यवस्था प्रचलित टाइपराइटर के कीबोर्ड की तरह होती हैं, जिसमें अंग्रेज़ी के सभी अक्षरों को तीन पंक्तियों में व्यवस्थित किया गया होता हैं। की-बोर्ड में कई प्रकार की निम्न कुंजियाँ (Keys) होती है, जिनसे मिल करके कीबोर्ड का निर्माण होता हैं। जैसे कि • एंटर कुंजी ( Enter Key ) • होम कुंजी ( Home Key ) • एंड कुंजी ( End Keys ) • अक्षर कुंजी ( Alphabet Keys ) • नंबर कुंजी ( Number Keys ) • चिन्ह बटन (Symbol Keys ) • फंक्शन बटन ( Function Key ) • एर्रो या कर्सर कुंजी ( Arrow Or Cursor Key) • कुछ विशेष कुंजी ( Some Special Key ) • एस्केप कुंजी ( Esc Key )

  • Keyboard - कीबोर्ड

    What Is Keyboard? ( कीबोर्ड क्या हैं? ) की-बोर्ड एक प्रचलित इलेक्ट्रोमैकेनिकल इनपुट उपकरण और कंप्यूटर का एक पेरिफेरल होता है, जो आंशिक रूप से टाइपराइटर के की-बोर्ड की भांति होता हैं। की-बोर्ड को अल्फानुमेरिक डाटा, टेक्स्ट तथा कैरेक्टर इनपुट करने के लिये डिजाइन किया गया हैं। यह एक CUI (Character User Interface) यूजर फ्रेंडली इनपुट उपकरण हैं। How Is The Keyboard? ( कीबोर्ड कैसा होता हैं? ) भौतिक रूप से, कंप्यूटर का की-बोर्ड आयताकार होता हैं। पुराने मॉडल के कीबोर्ड में 84 कुंजियां (Keys) होती थी। कुछ अपग्रेडेड कीबोर्ड में 101, 102, 105, 104, 106, 108, 110 कुंजियां होने लगी हैं। आजकल 104 कुंजियों वाले "QWERTY" की-बोर्ड का प्रयोग प्रचलन में हैं। इसमें कुंजियों की व्यवस्था प्रचलित टाइपराइटर के कीबोर्ड की तरह होती हैं, जिसमें अंग्रेज़ी के सभी अक्षरों को तीन पंक्तियों में व्यवस्थित किया गया होता हैं। की-बोर्ड में कई प्रकार की निम्न कुंजियाँ (Keys) होती है, जिनसे मिल करके कीबोर्ड का निर्माण होता हैं। जैसे कि • एंटर कुंजी ( Enter Key ) • होम कुंजी ( Home Key ) • एंड कुंजी ( End Keys ) • अक्षर कुंजी ( Alphabet Keys ) • नंबर कुंजी ( Number Keys ) • चिन्ह बटन (Symbol Keys ) • फंक्शन बटन ( Function Key ) • एर्रो या कर्सर कुंजी ( Arrow Or Cursor Key) • कुछ विशेष कुंजी ( Some Special Key ) • एस्केप कुंजी ( Esc Key ) Parts Of Key-Board ( की-बोर्ड के भाग ) हम की-बोर्ड की संरचना के आधार पर इसकी कुंजियो को छ: भागो में वर्गिकृत किया जा सकता हैं; • Alphanumeric Or Typewriter Keys ( अक्षरांकीय या टाइपराइटर कुंजियाँ ) • Numeric Keypad (संख्यात्मक की-पैड) • Functions Keys ( फंक्शंस कूंजी ) • Special Purpose Keys ( विशेष प्रयोजन कुंजी ) • Modifier Keys ( संशोधक कुंजियाँ ) • Curser Movement Keys ( कर्सर मूवमेंट कुंजी ) • Other Four Cursor Control Keys ( अन्य चार कर्सर नियंत्रण कुंजियाँ ) 01 | Alphanumeric Keys अल्फानुमेरिक बटन यह की-बोर्ड के केन्द्र में स्थित होता हैं। इसमें अंग्रेजी वर्णमाला के A से Z तक के अक्षर, नम्बर 0 से 9 तक की संख्या और विशेष सिंबॉल (प्रतीक) जैसे कि @, #, $, %, ^, *, &, +, !, = आदि होते हैं। इस खंड में अंको, चिन्हों, तथा वर्णमाला के अतिरिक्त चार कुंजियाँ Tab, Caps Lock, Backspace तथा Enter कुछ विशिष्ट कार्यों के लिये होता हैं। 02 | Numeric Keypad ( संख्यात्मक की-पैड ) "कीबोर्ड की दायीं ओर कैलकुलेटर के समान स्थित कुंजियों को संख्यात्मक की-पैड कहा जाता हैं।" न्यूमेरिक की-पैड में लगभग 17 कुंजियाँ होती हैं। जिनमे से 0 से 9 तक के अंक, नमलॉक बटन (Num Lock), अप, डाउन, लेफ्ट और राइट तथा गणितीय ऑपरेटर (Mathematics operators) जैसे कि + (जोड़), - (घटाव), * (गुणा), / (भाग) और Enter Key होता हैं। इनका प्रयोग संख्यात्मक डाटा को तीव्र गति से भरने के लिए किया जाता हैं। Note:- ध्यान रहें कि 0 से 9 तक की संख्याओं की कुंजियां अल्फानुमेरिक कुंजी पर भी होते हैं तथा दोनों का समान परीणाम होता हैं। ❃ Two Types Work Of Numeric Key-Pad ( न्यूमेरिक की-पैड के दो प्रकार के कार्य ) न्यूमेरिक की-पैड की कुछ कुंजियां दो प्रकार से कार्य करते हैं। इन कुंजियों का प्रयोग कीबोर्ड द्वारा कर्सर को एक स्थान से दुसरे स्थान तक ले जानें के लिए माउस के विकल्प के रूप में भी किया जाता हैं। अत: इन्हें कर्सर नियंत्रण कुंजी (Cursor Control Key) भी कहा जाता हैं। इनका उपयोग कंप्यूटर गेम को नियंत्रित करने में भी किया जाता हैं। यदि Num Lock कुंजी ऑन हैं तो Numeric Key-Pad का उपयोग संख्याओं को टाइप करने के लिए होता हैं। यदि Num Lock कुंजी ऑफ हैं तो इन कुंजियों का प्रयोग एरो कूंजी (Arrow Key) तथा End, Home, Page Up, Page Down, Insert और Delete फंक्शंस के तौर पर किया जाता हैं। Num Lock कुंजी ऑफ होने पर इनसे संखाएँ टाइप नहीं की जा सकती हैं। किसी-किसी कीबोर्ड में Num Lock ऑन होने पर एक हरी या पीली बत्ती जलती हैं। 03 | Functions Keys ( फंक्शन कुंजियाँ ) यह की-बोर्ड के सबसे ऊपर में होती हैं। जिसमें ये 1 से 12 तक की फंक्शन कुंजियाँ होती हैं। जो क्रमश: F1, F2, F3, F4, F5, F6, F7, F8, F9, F10, F11 और F12 तक होता हैं। ये कुंजियाँ निर्देशों को शॉट-कट के रूप में प्रयोग करने में सहायक होती हैं, इन कुंजियों के कार्य सॉफ्टवेयर के अनुरूप वक्त के साथ बदलते रहते हैं। इससे समय की बचत होती हैं। 04 | Special Purpose Keys ( विशेष उद्देश्य कूंजी ) "कंप्यूटर कीबोर्ड के कुछ कुंजियों को किसी खास उद्देश्य के लिए बनाए जाते हैं, जिन्हें विशेष उद्देश्य कूंजी कहा जाता हैं।" ये कुंजियाँ कुछ विशेष कार्यों को करने के लिये प्रयोग किए जाते हैं। जैसे- Sleep, Power, Volume, Start, Shortcut, Esc, Tab, Insert, Delete, Print SysRq, Scroll Lock और Pause Break इत्यादि। ये कुंजियाँ नये ऑपरेटिंग सिस्टम के कुछ विशेष कार्यों के अनुरूप होती हैं। ❃ Some Special Purpose Keys ( कुछ विशेष प्रयोजन कुंजी ) कुछ विशेष उदेश्य कुंजियां और उनके कार्य इस प्रकार हैं; Num Lock Key ( न्यूमेरिक लॉक कुंजी ) इसका प्रयोग संख्यात्मक कुंजियों के साथ किया जाता हैं। नम लॉक (Num Lock) ऑन होने पर कीबोर्ड के ऊपर दायीं ओर एक हरी या पीली बत्ती (लाइट) जलती हैं तथा संख्यात्मक की-पैड की कुंजी के ऊपर लिखीं संख्याएं टाइप करते हैं। नम लॉक (Num Lock) ऑफ होने पर ये कुंजियां निचे लिखें कार्य को संपन्न करते हैं। Caps Lock Key ( कैप्स लॉक कुंजी ) इस कुंजी का उपयोग अंग्रेज़ी वर्णमाला को छोटे अक्षरों (Small Letters/Lowercase) या बड़े अक्षरों (Capital Letters/Uppercase) में लिखने के लिए किया जाता हैं। कैप्स लॉक कुंजी दबाने पर ऊपर दायीं ओर एक बत्ती जलती हैं तथा की-बोर्ड के संबन्धित कुंजियों द्वारा वर्णमाला को बड़े अक्षरों में लिखा जाता हैं। कैप्स लॉक कुंजी दूसरी बार दबाने पर बत्ती (लाइट) बंद हों जाती हैं और वर्णमाला के छोटे अक्षरों को टाइप किया जा सकता हैं। कैप्स लॉक ( Caps Lock) और नम लॉक (Num Lock) दोनों ही कुंजी को टॉगल कुंजी (Toggle Key) भी कहते हैं, क्योंकि हर बार कुंजी प्रेस करने पर इनका फंक्शन उल्टा (Reverse) हों जाता हैं। Tab Key ( टैब कुंजी ) यह कर्सर को एक निश्चित दूरी, जो रूलर (Ruler) द्वारा तय की जा सकती हैं, तक 5 कैरेक्टर का स्थान देने के लिए किया जाता हैं। किसी चार्ट, टेबल या एक्सेल प्रोग्राम में एक खाने से दुसरे खाने तक जानें के लिए भी हम टैब कुंजी का प्रयोग किया जाता हैं। टैब कुंजी से वर्ड प्रोग्राम में पैराग्राफ को इंडेंट (Indent) भी किया जा सकता हैं। इसके द्वारा डायलॉग बॉक्स में उपलब्ध विकल्पों में से किसी एक का चयन भी किया जा सकता हैं। इसका उपयोग हम Alt+Tab शॉर्टकट कुंजी का उपयोग करके हम खुले हुए विभिन्न विंडो में, एक विंडो से दुसरे विंडो में जानें के लिए भी किया जाता हैं। Enter Key ( एंटर कुंजी ) कंप्यूटर को दिए गए निर्देशों को क्रियान्वित करने के लिए तथा स्क्रीन पर टाइप डाटा को कंप्यूटर में भेजने के लिए एंटर कुंजी का प्रयोग किया जाता हैं। वर्ड प्रोसेसिंग प्रोग्राम में नया पैराग्राफ या लाइन आरंभ करने का कार्य भी इससे किया जाता हैं। कभी कभी, कीबोर्ड में एंटर कुंजी को पहचान के लिए एक विशेष आकार प्रदान किया जाता हैं। ESC - Escape Key ( एस्केप कुंजी ) इस कुंजी का प्रयोग पिछले कार्य को समाप्त करने या किसी चालू प्रोग्राम के बाहर जानें (Exit) के लिए होता हैं। इसका इस्तेमाल हम टैली सॉफ्टवेयर में ज्यादा किया जाता हैं, जिससे हम इस सॉफ़्टवेयर को बंद (Close) करने के लिए, एक स्टेप पीछे जानें के लिए किया जाता हैं। Back Space Key ( बैक स्पेस कुंजी ) इसके प्रयोग से कर्सर के ठीक बायीं ओर स्थित कैरेक्टर या स्पेस (जगह) को एक-एक कर मिटाया जाता हैं। इसका उपयोग टाइपिंग के समय गलतियों को ठीक करने में किया जाता हैं। Del - Delete Key ( डिलीट कुंजी ) इसका उपयोग हम कर्सर के ठीक दायीं ओर स्थित कैरेक्टर या स्पेस को एक एक कर मिटाने के लिए किया जाता हैं। इससे कर्सर के बाद के सभी डाटा एक स्थान से बायीं ओर खिसक जाते हैं। इससे चयनित शब्दों, लाइन्स, पैराग्राफ, पेज या फाइल को एक साथ डिलीट या मिटाने के लिए किया जा सकता हैं। Print SysRq - Print Screen Key ( प्रिंट स्क्रीन कुंजी ) इससे स्क्रीन पर जो कुछ भी दिख रहा होता हैं, उसे प्रिंट या स्क्रीन शॉट लिया जा सकता हैं। प्रिंट स्क्रीन कुंजी कंप्यूटर स्क्रीन का फ़ोटो क्लिप बोर्ड में संग्रहित कर लेता हैं, जिसे बाद में किसी अन्य प्रोग्राम में पेस्ट (Paste) या एडिट किया जा सकता हैं। Scroll Lock Key ( स्क्रॉल लॉक कुंजी ) इस कुंजी को दबाने से कंप्यूटर स्क्रीन पर आ रही सूचना एक स्थान पर रुक जाती हैं। सूचना को फिर से शुरू करने के लिए यही कुंजी दुबारा दबाना पड़ता हैं। Pause Break Key ( पॉज ब्रेक कुंजी ) इसका कार्य स्क्रॉल लॉक कुंजी जैसा ही होता हैं। किसी भी दुसरे कुंजी को दबाने पर सूचना पुन: आनी शुरु हों जाती हैं। Insert Key ( इंसर्ट कुंजी ) इसका उपयोग पहले से संग्रहित डाटा पर ओवरराइट (Overwrite) करने के लिए किया जाता हैं। इंसर्ट कुंजी दबाकर कोई टाइपिंग कुंजी दबाने पर कर्सर के ठीक बाद स्थित अंक या अक्षर मिट जाता हैं तथा उसके स्थान पर नया टेक्स्ट टाइप हों जाता हैं। Space Bar ( स्पेस बार ) यह कीबोर्ड में सबसे निचली पंक्ति के बीच में स्थित सबसे बड़ी कुंजी होती हैं। सामान्यत: इसका उपयोग टाइप करते समय अक्षरों तथा अंकों के बीच खाली स्थान (स्पेस) डालने तथा कर्सर को एक स्थान दायीं ओर खिसकाने के लिए किया जाता हैं। इसे इतना बड़ा इसलिए बनाया जाता हैं ताकि हम दोनों हाथों के से टाइप करते किसी भी हाथ के अंगूठे से इसका इस्तेमाल किया जा सके। मोडिफायर कुंजी के साथ इसका प्रयोग सॉफ्टवेयर के अनुसार अन्य कार्यों के लिए भी किया जाता हैं। वीडियो गेम में भी इसे एक मुख्य बटन के रूप में प्रयोग किया जाता हैं। Ctrl+Alt+Del - Control+Alternate+Delete Key ( कंट्रोल+ऑल्टरनेट+डिलीट कुंजी ) इन तीनों कुंजियों को एक साथ दबाने पर कंप्यूटर में चल रहे प्रोग्राम बंद हों जाते हैं तथा फिर से स्वयं शुरु वाली अवस्था में पहुंच जाता हैं। ऐसा अक्सर तब किया जाता हैं। जब हमारा कम्प्यूटर हैंग (Hang) हों जाता हैं अर्थात् किसी भी अन्य कुंजी के आदेश का पालन नहीं करता। इन कुंजियों का प्रयोग कंप्यूटर को रिस्टार्ट (Re-Start) करने के लिए भी किया जाता हैं, इसे रिसेट (Reset) भी कहते हैं। Sticky Key ( स्टिकी कुंजी ) वे उपयोगकर्ता जो दो या दो से अधीक कुंजियों को एक साथ दबाने में असुविधा महसूस करते हैं, उनकी सुविधा के लिए स्टिक कुंजी का प्रयोग किया जाता हैं। इसमें उपयोगकर्ता मोडिफायर्स कुंजियों जैसे कि Ctrl, Shift, Alt या Win कुंजियों को लगातार दो बार दबाकर कर तब तक सक्रिय रख सकता हैं जब तक दूसरा कुंजी न दबा दिया जाए। 05 | Modifier Keys ( संशोधक कुंजियाँ या मोडिफायर कुंजी) "कंप्यूटर कीबोर्ड का वह कोई कुंजी या कुंजियों का समूह जिसके प्रयोग से किसी अन्य कुंजी से होने वाले कार्य में परिवर्तन हों जाता हैं, वह कुंजी मोडिफायर कुंजी कहलाता हैं।" मोडिफायर कुंजी स्वयं कोई कार्य नहीं करता हैं, परंतु दुसरे कुंजियों के कार्यों में बदलाव करता हैं। मोडिफायर कुंजी का उपयोग किसी अन्य कुंजी के साथ मिलकर किसी विशेष कार्य को संपादित करने के लिए किया जाता हैं। इसमें चार कुंजियाँ होती हैं, जिनके नाम Shift, Alt (Alternate), Ctrl (Control) तथा Windows Key हैं। इनको अकेला दबाने पर कोई खास प्रयोग नहीं होता हैं, परन्तु जब अन्य किसी कुंजी के साथ इनका प्रयोग होता हैं तो ये उन कुंजियो के इनपुट को यह बदल देती हैं। इसलिए ये मॉडिफायर कुंजी कहलाती हैं। इन कुंजियों का अधिकतर उपयोग शॉर्टकट्स के लिए किया जाता हैं। इनका प्रयोग कंप्यूटर साफ्टवेयर के अनुसार बदलता रहता हैं। सुविधा के लिए कीबोर्ड पर Shift, Alt, Ctrl तथा Windows Key के दो-दो कुंजियां बनाए जाते हैं, जो अल्फानुमेरिक कुंजी के दोनों छोरों पर स्थित होते हैं। Shift Key ( शिफ्ट कुंजी ) इसे संयोजन कूंजी (Combination Key) भी कहते हैं क्योंकि इसका उपयोग किसी और अन्य कुंजियों के साथ किया जाता हैं। किसी कुंजी पर दो चिन्ह रहने पर शिफ्ट कूंजी के साथ उस कूंजी को दबाने पर दूसरा चिन्ह या निचे वाला चिन्ह टाइप होता हैं। उस कुंजी को अकेले दबाने पर ऊपर लिखा चिन्ह टाइप होता हैं। अगर कैप्सलॉक कूंजी ऑन हैं, तो शिफ्ट कुंजी के साथ वर्णमाला के कूंजी दबाने पर छोटे अक्षर टाइप होते हैं। अगर कैप्सलॉक कुंजी ऑफ हैं तो शिफ्ट कूंजी के साथ वर्णमाला के कुंजी दबाने पर बड़े अक्षर टाइप होते हैं। Alt Key ( ऑल्ट कुंजी ) यह कुंजी अन्य कुंजियों के साथ वैकल्पिक कार्य प्रदान करती हैं। उदाहरण के लिए Alt कुंजी को दबाए रखकर P कुंजी को दबाने पर PRINT टाइप हों जायेगा। इसी प्रकार I कुंजी दबाने पर Input टाइप हों जायेगा, D कुंजी दबाने पर DELETE टाइप हों जायेगा। Ctrl Key ( कन्ट्रोल कुंजी ) इसे नियंत्रण कुंजी (Control Key) कहते हैं। यह कंप्यूटर सिस्टम को कमांड प्रदान करने के लिए उपयोग में आती हैं। इन्हें भी किसी अन्य कुंजियों के साथ उपयोग में लाया जाता हैं। यथार्थ रूप में Ctrl कुंजी क्या काम करेगा यह उस सॉफ्टवेयर पर निर्भर करता हैं, जिसका हम उस समय उपयोग कर रहे हैं। Win Key ( विंडो कुंजी ) 06 | Cursor Movement Keys ( कर्सर मूवमेंट कुंजी ) की-बोर्ड में दाएं निचले भाग में तीर के निशान वाले चार कुंजियां होती हैं, जिनसे कर्सर को दाएं (➡️), बाएं (⬅️), ऊपर (⬆️) तथा नीचे (⬇️) ले जाया जा सकता हैं। इन्हें क्रमश: दायां, बायां, ऊपर तथा निचे (Right, Left, Up & Down Arrow Key) एरो कुंजियां भी कहते हैं। इन्हें एक बार दबाने पर कर्सर एक स्थान से बाएं या दाएं या एक लाइन ऊपर या फिर एक लाइन निचे हों सकता हैं, इसलिए इसे नेविगेशन कुंजी (Navigation Key) भी कहा जाता हैं। इन एरो कुंजियों की मदद से हम वेबसाईट पेज को भी ऊपर, नीचे करने के लिए और हम वाल्यूम को कम या ज्यादा करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता हैं। यह सॉफ्टवेयर के हिसाब से अलग अलग कार्य कर सकता हैं। 07 | Other Four Cursor Control Keys ( अन्य चार कर्सर नियंत्रण कुंजियाँ ) ठीक कर्सर मूवमेंट कुंजी या एरो कुंजी के ऊपर कर्सर कंट्रोल के लिए चार कुंजियां और होती हैं, जो इस प्रकार निम्न हैं; Home Key ( होम कुंजी ) यह कर्सर को लाइन के प्रारंभ में ले जाता हैं। Home तथा Ctrl कुंजी को एक साथ दबाने पर कर्सर वर्तमान पेज या डॉक्युमेंट (दस्तावेज़) के आरंभ में चला जाता हैं। किसी वेब पेज को देखने के दौरान Home कुंजी दबाने पर कर्सर उस वेब पेज के प्रारम्भ में पहुंच जाता हैं। End Key ( एंड कुंजी ) यह कर्सर को लाइन या पेज के अंत में ले जाता हैं। End तथा Ctrl कुंजी को एक साथ दबाने पर कर्सर वर्तमान पेज या डॉक्युमेंट (दस्तावेज़) के अंत में चला जाता हैं। किसी भी वेब पेज को देखने के दौरान End कुंजी दबाने पर कर्सर उस वेब पेज के अंत में पहुंच जाता हैं। Page Up Key ( पेज अप कुंजी ) यह कर्सर को डॉक्युमेंट (दस्तावेज़) के पिछले पेज में ले जाता हैं। Page Down Key ( पेज डाउन कुंजी ) यह कर्सर को डॉक्युमेंट (दस्तावेज़) के अगले पेज पर ले जाता हैं। How does keyboard work? ( कीबोर्ड कैसे कार्य करता हैं? ) जब किसी कुंजी को दबाया जाता हैं तो एक इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल उत्पन्न होता हैं, जिसे इलेक्ट्रॉनिक सर्किट होता हैं जो कीबार्ड इनकोडर कहलाता हैं। यह कीबोर्ड एनकोडर एक विशेष IC अथवा एनकोडर के रूप में प्रयुक्त किए जाने वाला एक सिंगल चिप माइक्रो कंप्यूटर हों सकता हैं। एनकोडर का कार्य यह पता लगाना होता हैं कि कौन-सी कुंजी को दबाया गया था और कंप्यूटर तद अनुरूप बाइनरी कोड प्रेषित किया जाए। यह बाइनरी कोड ASCII, EBCDIC या HEX हो सकता हैं। Types Of Keyboards ( कीबोर्ड के प्रकार ) Normal Keyboard ( साधारण कीबोर्ड ) Wireless Keyboard ( तार रहित की-बोर्ड ) Ergonomic Keyboard ( अरगानोमिक की-बोर्ड ) 01 | Normal Keyboard ( साधारण कीबोर्ड ) साधारण कीबोर्ड वे कीबोर्ड होते हैं, जो सामान्य रूप से प्रयोग किये जाते हैं, जिसे उपयोगकर्ता अपने कम्प्यूटर सिस्टम में प्रयोग करता हैं। इसका आकार आयताकार होता है, इसमें लगभग 108 कुंजियां होती हैं एवं कंप्यूटर से कनेक्ट करने के लिए इसमें एक केबल होती हैं, जिसे केबिनेट के साथ जोडा जाता हैं। 02 | Wireless Keyboard ( तार रहित की-बोर्ड ) तार रहित की-बोर्ड (Wireless Keyboard) पउपयोगकर्ता को की- बोर्ड में तार यानि कि केबल के प्रयोग से छुटकारा दिलाता है। यह की-बोर्ड सीमित दूरी तक कार्य करता है। यह तार रहित की-बोर्ड थोडा महँगा होता है तथा इसमें थोड़ी तकनीकी जटिलता होती है। इसमें तकनीकी जटिलता होने के कारण इसका प्रचलन बहुत अधिक नहीं हो पाया था लेकिन यह वक्त के साथ वर्तमान में इस प्रकार तार रहित की-बोर्ड का बाजार में बहुत ही ज्यादा डिमांड बढ़ती जा रही हैं। 03 | Ergonomic Keyboard ( अरगानोमिक की-बोर्ड ) बहुत सारी कंपनियों ने एक खास प्रकार के की-बोर्ड का निर्माण किया है, जो सिर्फ़ उपयोगकर्ता को टाइपिंग करने में दूसरे की-बोर्ड की अपेक्षा आराम देता है। ऐसे की-बोर्ड अरगानोमिक की-बोर्ड (Ergonomic Keyboard) कहलाते है। ऐसे की-बोर्ड विशेष तौर पर उपयोगकर्ता (users) की कार्य क्षमता को बढाने के साथ-साथ लगातार टाइपिंग करने के कारण उत्पन्न होने वाले हाथों की कलाई (Wrist) के दर्द को कम करने में सहायता देता है। Keyboard Connection ( कीबोर्ड कनेक्शन ) की-बोर्ड को पीएस-2 (PS-2 या Plug Station - 2) पोर्ट द्वारा केबिन में सीपीयू से जोड़ा जाता हैं। आजकल वर्तमान में यूएसबी (USB - Universal Serials Bus) पोर्ट द्वारा भी कंप्यूटर से जोडा जाता हैं। वायरलेस कीबोर्ड सिस्टम से भौतिक संपर्क बनाए बिना रेडियों तरंगों पर कार्य करता हैं तथा इसे ब्लूटूथ (Bluetooth) द्वारा कंप्यूटर से जोड़ा जाता हैं।

  • Color Command In cmd -विंडोज cmd में कलर कमांड

    रंग(color) विंडोज कमांड प्रोसेसर (cmd.exe) के अंदर पाया जाने वाला एक इनबिल्ट कमांड है, जिसका उपयोग कंसोल के अग्रभूमि (Foreground) और पृष्ठभूमि (Background) के लिए रंग बदलने के लिए किया जाता है। डिफ़ॉल्ट रूप से, कंसोल में सफेद अग्रभूमि रंग और काला पृष्ठभूमि रंग (07 रंग कोड) होता है। कमांड का उपयोग आम तौर पर या तो कंसोल विंडो के सौंदर्यशास्त्र को वैयक्तिकृत (Personalize The Aesthetics) करने के लिए किया जाता है, या रंगों को मंद (Dim) या डार्क (Dark) डिस्प्ले (उदा. TN पैनल) के लिए अधिक उपयुक्त बनाने के लिए किया जाता है। इस लेख में, हम color कमांड के बारे में जानेंगे और इसके विभिन्न उपयोगों पर भी एक नज़र डालेंगे। Description of the Command : ( कमांड का विवरण ) कमांड टाइप करें color /? कमांड प्रॉम्प्ट में और एंटर कुंजी को प्रेस करें। यह डिफ़ॉल्ट कंसोल अग्रभूमि (Foreground) और पृष्ठभूमि (Background) रंग सेट करता है। COLOR [attr] attr - Specifies the color attribute of console output. रंग विशेषताएँ दो हेक्स अंकों (Hex Digit) द्वारा निर्दिष्ट की जाती हैं - पहले पृष्ठभूमि (Background) से मेल खाता है। दूसरा अग्रभूमि (Foreground) से मेल खाता है। Using the Command : ( कमांड का उपयोग करना ) कमांड इनपुट 2 हेक्साडेसिमल अंक (दूसरा अंक वैकल्पिक) लेता है जहां पहला अंक पृष्ठभूमि रंग (Background Color) से मेल खाता है और दूसरा अंक अग्रभूमि रंग (Foreground Color) से मेल खाता है। Syntax : Color (Background)(Foreground) यदि केवल पहला अंक प्रदान किया जाता है, तो केवल अग्रभूमि (Foreground) का रंग बदलता है। प्रत्येक अंक में हेक्साडेसिमल कोड पॉइंट ( 0 - f ) में कोई भी मान हो सकता है, जहां प्रत्येक एक अद्वितीय रंग (Unique Color) से मेल खाता है। रंग पत्राचार (Correspondence) का अंक इस प्रकार होता है; 0 = Black 8 = Gray 1 = Blue 9 = Light Blue 2 = Green A = Light Green 3 = Aqua B = Light Aqua 4 = Red C = Light Red 5 = Purple D = Light Purple 6 = Yellow E = Light Yellow 7 = White F = Bright White यदि कोई तर्क नहीं दिया जाता है, तो यह आदेश उस रंग को पुनर्स्थापित करता है जो cmd.exe प्रारंभ होने पर था। यह मान या तो वर्तमान कंसोल विंडो, /T कमांड लाइन स्विच या डिफ़ॉल्ट रंग रजिस्ट्री मान से आता है। यदि color कमांड को अग्रभूमि (Foreground) और पृष्ठभूमि रंग (Background Color) के साथ निष्पादित करने का प्रयास किया जाता है, तो color कमांड त्रुटि-स्तर (Error-Level) को 1 पर सेट करता है। ( उदा. रंग FF या रंग 33 ) Syntax : Color fc For Example; "color fc" चमकीले सफेद पर हल्का लाल (Light Red On Bright White) रंग उत्पन्न करता है। 01 | Changing Only The Foreground Color ( केवल अग्रभूमि रंग बदलना ) Syntax : Color (Hex_digit) (Hex_digit) हेक्साडेसिमल श्रेणी के भीतर एक अंक (या वर्ण) है, अर्थात यह 0-F की सीमा में होना चाहिए। For Example; अब हम अग्रभूमि का रंग पीला (6) में बदलते हैं। Before : ( पहले )

  • Applications of C Programming - सी प्रोग्रामिंग के अनुप्रयोग

    C का उपयोग शुरू में सिस्टम डेवलपमेंट कार्य के लिए किया गया था, विशेष रूप से वे प्रोग्राम जो ऑपरेटिंग सिस्टम को बनाते हैं। सी को सिस्टम डेवलपमेंट लैंग्वेज के रूप में अपनाया गया था क्योंकि यह कोड उत्पन्न करता है जो असेंबली भाषा में लिखे गए कोड जितना तेज़ चलता है। C के प्रयोग के कुछ उदाहरण हैं; Operating Systems Language Compilers Assemblers Text Editors Print Spoolers Network Drivers Modern Programs Databases System Language Interpreters Utilities Word Processors

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