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What Is HIV Virus? -HIV वायरस क्या है?

HIV एक प्रकार का वायरस होता है, जो इम्यून सिस्टम को कमज़ोर कर देता है। HIV का फ़ुल फ़ार्म ह्यूमन इम्युनोडिफीसिएन्सी वायरस ( Human Immunodeficiency Virus ) होता है। इसे हिंदी में "मानव रोगक्षमपयॉप्तता विषाणु" कहते हैं।

HIV एक लेंटिवायरस रेट्रोवायरस परिवार का एक सदस्य होता है, जो एड्स - अक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम ( AIDS - Acquired Immunodeficiency Syndrome ) का कारण बनता है, जो कि मनुष्यों में एक अवस्था है, जिसमें प्रतिरक्षा तंत्र विफल होने लगता है और इसके परिणामस्वरूप ऐसे अवसरवादी संक्रमण हो जाते हैं, जिनसे मृत्यु का खतरा होता है।


मानव शरीर कि रक्षा प्रणाली को प्रतिरक्षा प्रणाली या इम्यून सिस्टम कहा जाता हैI यह प्रतिरक्षा प्रणाली कई वायरस और बैक्टीरिया से मानव शरीर को लड़ने कि क्षमता प्रदान करती है I HIV इसी प्रतिरक्षा प्रणाली कि कोशिकाओं पर हामला कर इसे कमजोर करता है I यह कोशिकाएं एक प्रकार कि श्वेत रक्त कोशिकाएं (WBC) होती है, जिन्हे CD4 सेल्स भी कहा जाता हैI


HIV शरीर में मौजूद CD4 कोशिकाओं को नष्ट करने का कार्य करता है। CD4 कोशिकाओं को T सेल या T कोशिका भी कहा जाता है। ये एक प्रकार की प्रतिरक्षा कोशिकाएं होती हैं, समय बीतने के साथ HIV वायरस जैसे-जैसे CD4 या प्रतिरक्षा कोशिकाओं को नष्ट करता जाता है, वैसे-वैसे शरीर कई बीमारियों की चपेट में आना शुरू हो जाता है।


अगर वायरस को नियंत्रित करने के लिए दवा का उपयोग न किया गया तो , HIV के जीवाणु CD4 कोशिकाओं पर कब्ज़ा कर उन्हें लाखो वायरस कि प्रतियां बनाने वाली फैक्ट्री में रूपांतरित कर देते है I इस प्रक्रिया में CD4 कोशिकाएं नष्ट हो जाती है, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती जाती है I अंततः यह एड्स का रूप ले लेती है


एचआईवी के कई अलग अलग प्रकार है I इन्हे दो मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है:

  • एचआईवी-1:- यह प्रकार दुनिया भर में पाया जाता है और सबसे आम है

  • एचआईवी-2:- ज्यादातर पश्चिम अफ्रीका, एशिया और यूरोप में पाया जाता है

Reasons For The Spread Of HIV From One Person To Another ( HIV के एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलने के कारण )

एचआईवी/HIV के एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ट्रांसफर होने के निम्नलिखित कारण होते हैं;


#01. By Blood ( खून के द्वारा )

यदि किसी एचआईवी पीड़ित व्यक्ति का रक्त किसी नॉर्मल व्यक्ति को डोनेट किया जाता है या चढ़ाया जाता है तो ऐसे में नॉर्मल व्यक्ति के शरीर में एचआईवी वायरस प्रवेश कर जाता है और वह इंसान भी एचआईवी का शिकार हो जाता हैं।


#02. By Semen ( वीर्य के द्वारा )

यदि किसी एचआईवी पीड़ित व्यक्ति का सीमेन ( वीर्य ) किसी नार्मल स्त्री के शरीर में जाता है, तो ऐसे में एचआईवी का संक्रमण हो सकता है।


#03. By Breastfeeding ( स्तनपान के द्वारा )

एचआईवी पीड़ित माता के दूध में एचआईवी वायरस मौजूद होता है। यदि एचआईवी पीड़ित माता अपने शिशु को स्तनपान कराती है, तो शिशु को एचआईवी का संक्रमण हो जाता है।


#04. Through The Vagina ( योनि के द्वारा )

महिलाओं की योनि में एक चिपचिपा तरल पदार्थ पाया जाता है। यदि महिला एचआईवी पीड़ित है, तो इस तरल पदार्थ में एचआईवी वायरस मौजूद होता है। ऐसे में यदि महिला किसी पुरुष के साथ संबंध बनाती है, तो उस पुरुष को भी एचआईवी होने का ख़तरा बढ़ जाता है।


#05. Through Unprotected Sex ( असुरक्षित यौन संबंधों के द्वारा )

चूँकि एचआईवी से पीड़ित व्यक्ति के खून, वीर्य ( सीमेन ) और योनि ( वेजाइनल ) फ्लूड में एचआईवी वायरस मौजूद होता है। ऐसे में यदि असुरक्षित यौन संबंध स्थापित किए जाएं तो एचआईवी संक्रमण के चान्सेस बढ़ जाते हैं।


Why Is There No Cure For HIV? ( एचआईवी का कोई इलाज क्यों नहीं है? )

एचआईवी वायरस से बचाव करना ही इसका एकमात्र इलाज है। एचआईवी वायरस के लिए अब तक कोई दवा या वैक्सीन नहीं खोजी जा सकी है। दरअसल एचआईवी वायरस व्यक्ति की DNA कोशिकाओं में प्रवेश कर जाता है। इस प्रकार यह उस व्यक्ति के साथ एक मज़बूत संबंध बना लेता है, जिसके लिए फिर कोई दवा या वैक्सीन काम नहीं करती।


साइंटिस्ट और डॉक्टर एचआईवी का इलाज खोजने के लिए रिसर्च कर रहे हैं। एचआईवी से पीड़ित व्यक्ति के लिए यह कहा जाता है कि वह ज़्यादा समय तक जीवित नहीं रहेगा लेकिन आज मेडिकल साइंस ने काफ़ी तरक़्क़ी कर ली है तथा उसने यह तरीक़ा खोज निकाला है कि इस वायरस के साथ भी रोगी को एक लंबा जीवन दिया जा सके।


Anti-Retroviral Therapy ( एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी )

एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी के द्वारा एचआईवी वायरस से पीड़ित व्यक्ति को कई सालों तक और जीवनदान दिया जा सकता है। हालाँकि एचआईवी के लिए अब तक कोई दवा या वैक्सीन नहीं बनी है लेकिन एचआईवी पीड़ित व्यक्ति को थेरेपीज के ज़रिए उपचार संभव है। इस उपचार के द्वारा व्यक्ति के शरीर से को वायरस तो नहीं हटाया जा सकता लेकिन फिर भी उसके जीवन की संभावनाओं को बढ़ाया जा सकता है।


यदि एचआईवी पीड़ित व्यक्ति की कोई थैरेपी न दी जाए तो ऐसे में वो व्यक्ति कई गंभीर समस्याओं को शरीर में जन्म दे सकता है, जिनमें से एक महत्वपूर्ण समस्या का नाम एड्स है। हर वो व्यक्ति जिसे एचआईवी है, उसे एड्स होगा यह ज़रूरी नहीं है। यदि एचआईवी के लिए समय समय पर थैरेपी अप्लाई की जा रही है तो ऐसे में व्यक्ति एड्स से बच सकता है।


एचआईवी से संक्रमित होने के बाद किसी भी तरह की कोई थेरेपी या मेडिकल चिकित्सा ना लेने पर व्यक्ति को एड्स हो जाता है, जिसके बाद व्यक्ति मात्र 2-3 सालों तक ही जीवित रह सकता है। एक शोध में इस बात का ख़ुलासा किया गया है कि अमेरिका में मौजूद लगभग 12 लाख लोग अभी के मौजूदा हाल में एचआईवी से संक्रमित हैं, इनमें से हर 7 में से एक व्यक्ति को यह तक नहीं पता कि उसे इस तरह का कोई वायरस का संक्रमण भी है।


Some Things To Note About HIV & AIDS ( एचआईवी और एड्स से संबंधित कुछ ध्यान देने योग्य बातें )

  • एचआईवी से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में प्रतिरक्षा कोशिकाओं की संख्या कम हो जाती है। ऐसे में व्यक्ति को यदि किसी प्रकार की कोई मेडिकल थेरेपी न दी जाए तो यह समस्या और गंभीर हो सकती है और एड्स की स्टेज तक पहुँच सकती है। तो ये ज़रूरी है की एचआईवी संक्रमित होने पर बिना झिझक डॉक्टर से परामर्श लिया जाए।

  • हालाँकि एचआईवी और एड्स का कोई भी इलाज अब तक नहीं खोजा जा सका है लेकिन इसका ये मतलब बिलकुल नहीं है कि पीड़ित व्यक्ति के लिए कोई रास्ता नहीं बचा है।

  • एचआईवी से पीड़ित व्यक्ति को आशा नहीं छोड़नी चाहिए और उसे डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए।

  • अपनी समस्या को बिना झिझक डॉक्टर से बताएँ और इसका समाधान खोजने की कोशिश करें, इससे जीवन जीने के चांसेस को बढ़ाया जा सकता है।

  • एचआईवी से बचाव करना बेहद ज़रूरी है, इस बात का पूरा ख्याल रखें कि हमें एचआईवी का संक्रमण न होने पाए इसलिए उन कारणों से बचें जो एचआईवी को जन्म देते हैं।

  • असुरक्षित यौन संबंधों को बिलकुल भी ना अपनाएँ क्योंकि ये बेहद घातक हो सकते हैं।

  • किसी ऐसे व्यक्ति या महिला के साथ संभोग न करें, जिसे पहले से ही एचआईवी का संक्रमण है।

  • एक से अधिक पार्टनर के साथ संभोग ना करें, इससे भी इंफेक्शन का ख़तरा बढ़ जाता है।

  • संभोग करने से पहले पर्सनल हाइजीन पर ध्यान दें तथा अपने हाथों तथा प्राइवेट पार्ट्स को साफ़ रखें।

  • संभोग करने के बाद भी अपने प्राइवेट पार्ट्स को पानी से धो लें, ताकि किसी भी प्रकार के इन्फेक्शन के ख़तरे को कम किया जा सके।

  • संभोग के दौरान कॉन्डोम का प्रयोग अवश्य करें।

How Do I know If I Have HIV? ( मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे एचआईवी है? )

अधिकांश लोग यह नहीं बता सकते हैं कि वे एचआईवी के संपर्क में आ चुके हैं या उससे प्रभावित हो चुके हैं। एचआईवी के प्रारंभिक सूक्ष्म लक्षण , एचआईवी संपर्क में आने के दो से चार सप्ताह के भीतर दिखाई दे सकते हैं I यह लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं;

  • बुखार

  • ग्रंथियों में सूजन

  • गले में खराश

  • रात में अधिक पसीना आना

  • मांसपेशी में दर्द

  • सर दर्द

  • अत्यधिक थकान

  • चकत्ते

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