यह एड्स नाम की बीमारी एक वायरस ( विषाणु ) से पैदा होती हैं, जिसे एच.आई.वी. कहा जाता हैं। इस वायरस के हमले से शरीर की बीमारयों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता समाप्त हो जाती हैं, क्योकि इस बीमारी के चलते विशेष श्वेत रक्त कोशिकाओं यानि कि WBC जिन्हे टी कोशिकाएं (T Cells) भी कहा जाता हैं। अगर इस बीमारी का समुचित इलाज नहीं किया जाता हैं, तो यह पूरी तरह से एड्स के संक्रमण के तौर पर उभरकर सामने आता हैं, और वह इंसान इस बीमारी का शिकार हो जाता हैं।
संक्रमण के लगभग 12 सप्ताह के बाद ही रक्त की जॉंच से ज्ञात होता है कि यह विषाणु शरीर में प्रवेश कर चुका है, ऐसे व्यक्ति को एच.आई.वी. पोजिटिव कहते हैं। एच.आई.वी. पोजिटिव व्यक्ति कई वर्षो (6 से 10 वर्ष) तक सामान्य प्रतीत होता है और सामान्य जीवन व्यतीत कर सकता है, लेकिन दूसरो को बीमारी फैलाने में सक्षम होता है।
यह विषाणु मुख्यतः शरीर को बाहरी रोगों से सुरक्षा प्रदान करने वाले रक्त में मौजूद T कोशिकाओं (Cells) व मस्तिष्क की कोशिकाओं को प्रभावित करता है और धीरे-धीरे उन्हे नष्ट करता रहता है। जब यह विषाणु शरीर में प्रवेश कर जाता है, तो ब्लड में पहुंच कर वाइट ब्लड सेल्स (WBC) में मिलकर उसके DNA में पहुंच जाता है, जहां वह विभाजित होता है और रक्त के सफेद कणों पर आक्रमण करता है।
धीरे-धीरे यह सफेद कणों की संख्या बहुत कम कर देता है। उसी कमी या समाप्ति के साथ शरीर की रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता को समाप्त करता है।कुछ वर्षो बाद ( 6 से 10 वर्ष ) यह स्थिति हो जाती है कि शरीर आम रोगों के कीटाणुओं से अपना बचाव नहीं कर पाता और तरह-तरह का संक्रमण ( इन्फेक्शन ) से ग्रसित होने लगता है, इस अवस्था को एड्स कहते हैं।
Full Name Of AIDS ( एड्स का पूरा नाम )
एड्स (AIDS) का पूरा नाम "एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम" ( Acquired Immune Deficiency Syndrome ) है। यह एक संक्रामक यौन रोग है। जिस वायरस से यह पैदा होता है, उसे ह्यूमन इम्यून डेफिशिएंसी वायरस अर्थात संक्षिप्त रूप में एच.आई.वी. कहते हैं।
What Is The Meaning Of AIDS? ( एड्स का अर्थ क्या होता है? )
एड्स का मतलब "उपार्जित प्रतिरक्षी अपूर्णता सहलक्षण" ( Acquired Immune Deficiency Syndrome ) होता है। एड्स एच.आई.वी."मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु" ( Human Immunodeficiency Virus ) से होता है, जो कि मानव की प्राकृतिक प्रतिरोधी क्षमता को कमजोर करता है। एचआईवी शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता पर आक्रमण करता है, जिसका काम शरीर को संक्रामक बीमारियों, जो कि जीवाणु और विषाणु से होती हैं, से बचाना होता है।
HIV Post Infection Symptoms ( एच.आई.वी. संक्रमण पश्चात लक्षण )
एच.आई.वी. पोजिटिव व्यक्ति में 7 से 10 साल बाद विभिन्न बीमारिंयों के लक्षण पैदा हो जाते हैं, जिनमें ये लक्षण प्रमुख रूप से दिखाई पडते है;
गले या बगल में सूजन भरी गिल्टियों का हो जाना।
लगातार कई-कई हफ्ते अतिसार घटते जाना।
लगातार कई-कई हफ्ते बुखार रहना।
हफ्ते भर खांसी रहना।
अकारण वजन घटते जाना।
मूंह में घाव हो जाना।
त्वचा पर दर्द भरे और खुजली वाले ददोरे/चकते हो जाना।
उपरोक्त सभी लक्षण अन्य सामान्य रोगों, जिनका इलाज हो सकता है, के भी हो सकते हैं। किसी व्यक्ति को देखने से एच.आई.वी. संक्रमण का पता नहीं लग सकता है, जब तक कि रक्त की जांच ना की जावे।
AIDS Does Not Spread In The Following Ways ( एड्स निम्न तरीकों से नहीं फैलता है )
एच.आई.वी. संक्रमित व्यक्ति के साथ सामान्य संबंधो से जैसे कि हाथ मिलाने, एक साथ भोजन करने, एक ही घडे का पानी पीने, एक ही बिस्तर और कपडो के प्रयोग से, एक ही कमरे अथवा घर में रहने से, एक ही शौचालय से, स्नानघर प्रयोग में लेने से, बच्चों के साथ खेलने से यह रोग नहीं फैलता है और न ही मच्छरों /खटमलों के काटने से यह रोग नहीं फैलता है।
Prevention Of AIDS ( एड्स से बचाव )
एड्स एक जानलेवा बीमारी है। दुनिया भर के डॉक्टर और चिकित्सा वैज्ञानिक इसके कारगर इलाज की तलाश में लगातार रिसर्च किए जा रहे हैं। एड्स को कोई समुचित इलाज उपलब्ध नहीं है। इसलिए इस रोग से दूर रहने के लिए बचाव करना ही सबसे बेहतरीन इलाज होता है।
अपने जीवन-साथी के अलावा किसी अन्य से यौन संबंध नही रखे।
पत्नी को छोड़कर पर-स्त्रीगमन की आदत से परहेज करें।
यौन सम्पर्क के समय निरोध ( कण्डोम ) का प्रयोग करें।
मादक औषधियों के आदी व्यक्ति के द्वारा उपयोग में ली गई सिरिंज व सूई का प्रयोग न करें।
एड्स पीडित महिलाएं गर्भधारण न करें, क्योंकि उनसे पैदा होने वाले शिशु को यह रोग लग सकता है।
रक्त की आवश्यकता होने पर अनजान व्यक्ति का रक्त न लें, और सुरक्षित रक्त के लिए एच.आई.वी. जांच किया गया हुआ रक्त ही ग्रहण करें।
संभोग के बाद मूत्र त्याग करके अपने गुप्तांगों को साफ पानी से अच्छी तरह धोएं।
सैलूनों में शेविंग करवाते समय नई ब्लेड का उपयोग करने को कहें। एंटीसेप्टिक लोशन का इस्तेमाल हर बार करें। अन्य व्यक्तियों के ब्लेड या रेजर का उपयोग न करें।
एड्स से पीड़ित व्यक्ति को संभोग से दूर रहना चाहिए।
इंजेक्शन लगवाते समय डिस्पोजेबल सिरिन्ज एवं सूई तथा अन्य चिकित्सीय उपकरणों का 20 मिनट पानी में उबालकर जीवाणु रहित करके ही उपयोग में लेवें, तथा दूसरे व्यक्ति का प्रयोग में लिया हुआ ब्लेड/पत्ती काम में ना लेंवें।
यदि किसी अविवाहित पुरुष या स्त्री एड्स से संक्रमित हो जाए तो उन्हें विवाह नहीं करना चाहिए, क्योंकि एड्स उनके जीवनसाथी और बच्चों को संक्रमित करके उनका जीवन बर्बाद कर देगा।
एड्स का एक ही इलाज है - बचाव ही इसका उपचार है।
How Is AIDS Disease Spread? ( एड्स रोग कैसे फैलता है? )
एच.आई.वी. संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन सम्पर्क करने से फैलता हैं।
एच.आई.वी. संक्रमित सिरिंज व सूई का दूसरो के द्वारा प्रयोग करने सें फैलता हैं।
एच.आई.वी. संक्रमित मां से शिशु को जन्म से पूर्व, प्रसव के समय, या प्रसव के शीघ्र बाद फैलता हैं।
एच.आई.वी. संक्रमित अंग प्रत्यारोपण (Transplant) करने से फैलता हैं।
📝Note:- एक बार एच.आई.वी.विषाणु से संक्रमित होने का अर्थ है - जीवनभर का संक्रमण एवं दर्दनाक मृत्यु।
Who Is At Risk Of AIDS? ( एड्स का खतरा किसके लिए होता है? )
एक से अधिक लोगों से यौन संबंध रखने वाले व्यक्ति के लिए।
वेश्यावृति (Prostitution) करने वालों से यौन सम्पर्क रखने वाले व्यक्ति के लिए।
नशीली दवाईयां इन्जेकशन के द्वारा लेने वाले व्यक्ति के लिए।
यौन रोगों से पीडित व्यक्ति के लिए।
पिता/माता के एच.आई.वी. संक्रमण के पश्चात पैदा होने वाले बच्चें के लिए खतरा होता है।
बिना जांच किया हुआ रक्त ग्रहण करने वाले व्यक्ति के लिए खतरा होता है।
What Is HIV Testing? ( एचआईवी परीक्षण क्या है? )
एक परीक्षण या टेस्ट से उन एंटीबॉडीज का पता लगाया जा सकता हैं, जो आपके शरीर में वायरस होने के कारण पैदा होता हैं। संक्रमण की शुरुआत के बाद करीब 2 से 6 सप्ताह बाद रक्त में एंटीबॉडीज पैदा होते हैं। संक्रमण का पता लगाने के लिए आमतौर पर छह सप्ताह, 3 माह या 6 माह पर परिक्षण किया जाता हैं। इस परीक्षण के द्वारा संक्रमण को पकड़ा जा सकता हैं।
Important Things To Note About HIV/AIDS ( एचआईवी/एड्स संबंधी ध्यान देने वाली मुख्य बातें )
शोधकर्ताओं के अनुसार AIDS दो वायरस के कारण होता है, HIV1 और HIV2
HIV1 वायरस दुनिया भर में सबसे ज्यादा पाया जाने वाला वायरस है और HIV2 वायरस ज्यादातर वेस्ट अफ्रीका में पाया जाता है।
यह दोनों वायरस रेट्रोवायरस नामक प्रजाति के हैं जो अपना DNA इंसान के DNA से मिला देते है और जिंदगी भर उस इंसान के DNA के साथ रहते हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि मानव शरीर मे पाया जाने वाला वायरस मनुष्यों में बंदरों की प्रजातियों से आया है क्योंकि बंदरों में पाए जाने वाले HIV वायरस और मानव शरीर मे पाए जाने वाले HIV वायरस में काफी समान्यताएँ है।
1930 से 1940 के बीच पहली बार इंसानों में यह वायरस मिला। जो माना जाता है कि बंदर का मास खाने वाले कुछ अफ्रीकी आदिवासियों में पाया गया था और पूरी दुनिया में फैल गया।
भारत देश AIDS के मरीजों की संख्या के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है।
What Is The Treatment For HIV? ( एचआईवी का क्या इलाज है? )
मानव शरीर एचआईवी से छुटकारा नहीं पा सकता है और एचआईवी का कोई प्रभावी इलाज मौजूद नहीं है। इसलिए, एक बार आपको एचआईवी हो जाने के बाद, आपके पास यह जीवन भर के लिए होता है।
हालांकि, एचआईवी दवा ( एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी या एआरटी कहा जाता है ) लेने से, एचआईवी वाले लोग लंबे और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं और एचआईवी को अपने यौन साथी को प्रसारित करने से रोक सकते हैं। इसके अलावा, प्री-एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस (PrEP - Pre-Exposure Prophylaxis) और पोस्ट-एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस (PEP - Post-Exposure Prophylaxis ) सहित सेक्स या नशीली दवाओं के उपयोग के माध्यम से एचआईवी को रोकने के लिए प्रभावी तरीके हैं।
📝Note:- पहली बार 1981 में पहचाना गया, एचआईवी मानवता की सबसे घातक और सबसे लगातार महामारियों में से एक का कारण है।
Where Did HIV Come From? ( एचआईवी कहां से आया? )
मनुष्यों में एचआईवी संक्रमण मध्य अफ्रीका में एक प्रकार के चिंपैंजी से आया है।वायरस का चिंपैंजी संस्करण (जिसे सिमियन इम्यूनोडिफीसिअन्सी वायरस या SIV कहा जाता है ) संभवतः मनुष्यों को पारित किया गया था जब मनुष्य मांस के लिए इन चिंपैंजी का शिकार करते थे और उनके संक्रमित रक्त के संपर्क में आते थे।
अध्ययनों से पता चलता है कि एचआईवी 1800 के दशक के अंत में चिंपैंजी से मनुष्यों में कूद गया होगा।
दशकों से, एचआईवी धीरे-धीरे पूरे अफ्रीका में और बाद में दुनिया के अन्य हिस्सों में फैल गया। हम जानते हैं कि यह वायरस संयुक्त राज्य अमेरिका में कम से कम 1970 के दशक के मध्य से अस्तित्व में है।
Basic Facts About HIV ( एचआईवी के बारे में बुनियादी तथ्य )
HIV का मतलब ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (Human Immunodeficiency Virus) है।
एचआईवी से पीड़ित लोग एंटीरेट्रोवाइरल उपचार (ART) लेकर लंबे और स्वस्थ जीवन का आनंद ले सकते हैं जो सभी के लिए प्रभावी और उपलब्ध है।
जितनी जल्दी किसी व्यक्ति को एचआईवी का निदान किया जाता है, उतनी ही जल्दी वे उपचार शुरू कर सकते हैं - जिसका अर्थ है कि वे लंबे समय में बेहतर स्वास्थ्य का आनंद लेंगे।
जब ठीक से लिया जाता है, तो ART शरीर में एचआईवी के स्तर ( वायरल लोड ) को इतने निम्न स्तर तक कम कर सकता है कि रक्त परीक्षण इसका पता नहीं लगा सकते जिसे 'अज्ञात' (Undetectable) कहा जाता है। एक अज्ञात वायरल लोड (Undetectable Viral Load) होने का मतलब है कि आप एचआईवी को पारित नहीं कर सकते।
एचआईवी के लिए नियमित रूप से परीक्षण करने से आपको अपनी स्थिति जानने में मदद मिलेगी, और यदि आपको इसकी आवश्यकता हो तो उपचार शुरू करें।
एचआईवी वीर्य (Cum), रक्त, योनि और गुदा तरल पदार्थ और स्तन के दूध में पाया जाता है। यह मुख्य रूप से असुरक्षित यौन संबंध ( बिना कंडोम के ), सुई या सीरिंज साझा करने और गर्भावस्था, जन्म या स्तनपान के दौरान फैलता है।
एचआईवी पसीने, लार या मूत्र के माध्यम से नहीं फैलता है। इसका मतलब यह है कि इसे खांसने या छींकने, गले लगाने, चूमने, या तौलिये या टॉयलेट सीट को किसी ऐसे व्यक्ति के साथ साझा करने से नहीं हो सकता है, जिसे वायरस है।
Basic Facts About AIDS ( एड्स के बारे में बुनियादी तथ्य )
एड्स का मतलब एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम है। इसे उन्नत एचआईवी (Advanced HIV) संक्रमण या लेट-स्टेज एचआईवी (Late-Stage HIV) भी कहा जाता है।
एड्स लक्षणों और बीमारियों का एक समूह है, जो तब विकसित होता है जब एक उन्नत एचआईवी संक्रमण ने प्रतिरक्षा प्रणाली को नष्ट कर दिया है।
अब कम लोग एड्स विकसित करते हैं, क्योंकि अधिक लोग एचआईवी के इलाज और अच्छी तरह से रह रहे हैं।
Comments