Tea Production - चाय का उत्पादन
- _Romeyo Boy_
- 28 दिस॰ 2021
- 2 मिनट पठन

ताजी कटी हुई चाय की पत्तियों में 75-80 प्रतिशत नमी और 20-25 प्रतिशत पानी में घुलनशील और अघुलनशील ठोस पदार्थ ( Soluble & Insoluble Solids ) होते हैं। चाय की पत्तियों में कैरोटीन, विटामिन ई, क्लोरोफिल और सेल्यूलोज होता है।
पानी में घुलनशील पदार्थों में कई रासायनिक यौगिक होते हैं जैसे अमीनो एसिड, कैफीन, पॉलीसेकेराइड, खनिज, पेक्टिन, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, विटामिन सी, फ्लेवोनोल्स जिसमें सैपोनिन और पॉलीफेनोलिक यौगिक और उनके ग्लाइकोसाइड, ल्यूकोएन्थोसाइनिन और फेनोलिक एसिड ( अम्ल ) शामिल हैं। फ्लेवोनॉल ( Flavanols ) चाय का मुख्य घटक है, इनमें से अधिकांश फ्लेवोनोल्स यौगिकों के कैटेचिन वर्ग के हैं।
Fermentation Process ( किण्वन प्रक्रिया )

चाय के पौधे से ताजी पत्तियों को उठाया जाता है, उच्च तापमान पर सुखाया जाता है और चाय बनाने के लिए संसाधित किया जाता है। इसके बाद किण्वन प्रक्रिया ( Fermentation Process ) शुरू होती है। यह प्रक्रिया पत्तों को गमले में या जमीन पर बिछाकर की जाती है। इस प्रक्रिया में चाय की पत्तियों का हरा रंग कॉपर-ब्राउन ( तांबई-भूरा ) में बदल जाता है।
Purpose Of Fermentation Process ( किण्वन प्रक्रिया का उद्देश्य )
किण्वन प्रक्रिया का उद्देश्य बेहतर स्वाद के लिए चाय की पत्तियों में आवश्यकतानुसार उपयुक्त जैव-रसायनों का उत्पादन करना है। किण्वन की बढ़ती प्रक्रिया को रोकने के लिए पत्तियों को ड्रायर में सुखाया जाता है। यहां आने से पत्तों का रंग काला या भूरा हो जाता है और यह छोटे, काले या मोटे और लंबे दानों के आकार में आ जाता है।

इसके बाद इसे विभिन्न चलनी ( छलनियों ) द्वारा वर्गीकृत या ग्रेडिंग किया जाता है। चाय के विभिन्न ग्रेडों को छानने के बाद, इसे नमी रहित बैग या डिब्बों में वजन के हिसाब से भर दिया जाता है। अब यह चाय बाजारों में बड़े-बड़े विक्रेताओं के जरिए हम तक पहुंचती है।
![Tea Productions - चाय प्रसंस्करण [Tea Processing] बिजनेस कैसे शुरू करें? | Creative Bloke](https://static.wixstatic.com/media/91a5fb_4215c58040e848d9a888c5cbabaec5f4~mv2.png/v1/fill/w_600,h_400,al_c,q_85,enc_avif,quality_auto/91a5fb_4215c58040e848d9a888c5cbabaec5f4~mv2.png)
हरी, ऊलोंग और काली चाय केवल ऑक्सीकरण के स्तर में भिन्न होती है। ब्लैक टी पूरी तरह से किण्वित होती है, ऊलोंग आंशिक रूप से किण्वित होती है और ग्रीन टी में ऐसी कोई प्रक्रिया नहीं होती है। ग्रीन टी बनाते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि चाय की पत्तियों में मौजूद पॉलीफेनोलिक यौगिक ऑक्सीकृत या पोलीमराइज़ बहुलकीकरण न हो जाएं।
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