Generation Of Computer – कंप्यूटर की पीढियां
- _Romeyo Boy_
- 4 सित॰ 2021
- 9 मिनट पठन
अपडेट करने की तारीख: 20 अक्तू॰ 2021
इस पोस्ट में मैंने Generation Of Computer – कंप्यूटर की पीढियां के बारे में प्रयुक्त Hardware के आधार पर Computer की पीढ़ियों का वर्गीकरण किया हैं। प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर, दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर, तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर, चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर, पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर और सभी पीढ़ियों के विशेषतओं को बहुत ही आसान शब्दों में समझाया है।

Table Of Content
Generation Of Computers – कंप्यूटर की पीढियां
First Generation Of Computer ( प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर )
Second Generation Of Computer ( दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर )
Third Generation Of Computer ( तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर )
Forth Generation Of Computer ( चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर )
Fifth Generation Of Computer ( पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर )
Generation Of Computer In Hindi – कंप्यूटर की पीढियां हिंदी में
1940 के बाद Computer Technology में कई बदलाव हुए हैं, जिससे कहा जा सकता है कि उन्नत Computer के विकास में बड़ी क्रान्ति हुई है। Computer के विकास का मुख्य उद्देश्य Fast Processing करना, Smaller Size होना, जिसमें High Storage Capacity क्षमता हों और जिसकी लागत भी Low Cost हों।
Computer की पीढ़ियों का वर्गीकरण उनमें प्रयुक्त Hardware के आधार पर किया जाता हैं। Hardware के विकास का प्रत्येक चरण Computers की एक अलग पीढ़ी के नाम से जाना जाता हैं, इन पीढ़ियों को हम पांच भागों में विभाजित कर सकतें हैं।
I. First Generation Of Computer ( प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर ) II. Second Generation Of Computer ( दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर ) III. Third Generation Of Computer ( तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर ) IV. Forth Generation Of Computer ( चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर ) V. Fifth Generation Of Computer ( पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर )
आइये अब इन सभी कंप्यूटर के पीढ़ियों के बारे में विस्तार से वर्णन करते हैं;
01. First Generation Of Computer ( पहली पीढ़ी के कंप्यूटर )
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Computer की पहली पीढ़ी की शुरुआत 1951 में UNIVAC-1 के आविष्कार के साथ हुईं थीं। इस समय दो महान लोग J. P. Eckert तथा J. W. Mauchly ने वैक्यूम Tube पर आधारित पहला Electronic Device बनाया था।

इस पीढ़ी के Computers में Electronic Vacuum Tubes का प्रयोग किया गया था। Vaccum Tubes कांच की बनी होती थी, जिसके कारण वह नाजुक थी। इनका प्रयोग Electronic Signal प्राप्त करने के लिए किया जाता था।

इनका आकार बहुत बड़ा होता था और बिजली की खपत भी बहुत अधिक होती थीं। यह Tubes बहुत ज्यादा गर्मी पैदा करते थे। Punch Cards, Paper Tap तथा Magnetic Tap को Input और Output Device के रूप में इस्तेमाल किया जाता था।



💁♂️Tip:- Vacuum Tube का आविष्कार सन् 𝟏𝟗𝟎𝟒 में 𝐉𝐡𝐨𝐧 𝐀𝐦𝐛𝐫𝐨𝐬𝐞 𝐅𝐥𝐞𝐦𝐢𝐧𝐠 ने किया था।
इन Computers में Operating System नहीं होता था। इसमें चलाने वाले प्रोग्रामों को Punch Card में Store करके रखा जाता था। इसमें Data Store करने की क्षमता बहुत सीमित होती थी। इन Computers में Machine Language का प्रयोग Programming Language के रूप में किया जाता था।

Features Of First Generations Computer (विशेषताएं )

इन Computers में Vacuum Tubes का इस्तेमाल किया गया था, जिसे Valve भी कहा जाता हैं।
यह आकार में बड़ा और अधिक गर्मी पैदा करता था, जिसे ठंडा रखने के लिए 𝐀𝐢𝐫 -𝐂𝐨𝐧𝐝𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐌𝐚𝐜𝐡𝐢𝐧𝐞 का उपयोग करना पड़ता था।
ये बहुत भारी थे, इन्हें आसानी से एक जगह से दूसरी जगह नहीं ले जाया जा सकता था।
ये बहुत महंगे थे।
इसमें अधिक मात्रा में Electricity खर्च होती थी, तकरीबन 150 Kilowatts Per Hours .
ये जल्दी गर्म हो जाते थे।
ये अधिक भरोसेमंद परिणाम नहीं दे पाते थे।
भंडारण के लिए Magnetic Drums का इस्तेमाल।
Machine Language का प्रयोग Programming Language के रूप में किया जाता था।
Punch Cards, Paper Tap, तथा Magnetic Tap को Input और Output के लिए किया जाता था।
Software Machine Language तथा निम्न स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा ( Low Level Programming Language) में तैयार किया जाता था।
Computer का गणना समय या गति Millie Second (MS) में थी। (𝟏𝐦𝐬=𝟏𝟎³ या 𝟏/𝟏𝟎𝟎𝟎 𝐒𝐞𝐜𝐨𝐧𝐝)
पहली पीढ़ी के Computer का उपयोग मुख्यत: वैज्ञानिक अनुसंधान तथा सैन्य कार्यों में किया गया।
1952 में डॉ. ग्रेस हॉपर द्वारा Assembly Language के आविष्कार से Program लिखना कुछ आसन हो गया।

इस पीढ़ी के निम्न मुख्य कम्प्यूटर्स थे 👇
Mark-1
ENIAC ( Electronic Numerical Integrated And Calculator )
EDVAC
IBM-701
IBM-650
Univac
ADSAC
👉Click Here:- What Is Mouse – माउस क्या होता हैं?
02. Second Generation Of Computer ( दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर )
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सन् 1948 में अमरीका के बर्डन, ब्रिटन और शैक्ली ने Transistor का आविष्कार किया शीघ्र ही Computer में Vacuum Tubes का स्थान Transistors ने ले लिया। Transistor का आविष्कार 1947 में William Shockley ने किया था।

दूसरी पीढ़ी के Computer में Vacuum Tubes की जगह Transistor ने ले ली। Transistor, Vacuum Tubes से काफी बेहतर था। इसके साथ दूसरी पीढ़ी के Computers में मशीनी भाषा के बजाय Assembly Language का उपयोग किया जानें लगा। हालांकि अभी भी Data Store करने के लिए Punch Card का इस्तेमाल किया जाता था।

अब Computers में Primary एवं Secondary Memory का इस्तेमाल होने लगा और Assembly एवं High Level Programming Language को सहयोग ( Support ) करने लगे तथा उनमें Multi Programming Operating System का प्रयोग होने लगा था।


Features Of Second Generation Computers ( विशेषताएं )

दूसरी पीढ़ी के Computers में Vacuum Tubes की जगह Transistor का उपयोग किया गया था।
एक Transistor कई Vacuum Tubes के बराबर कार्य कर सकता था।
Computers के वजन, आकार और मूल्य में कमी आई।
Transistor लगे Computer अधिक विश्वसनीय थे यह सही परिणाम देते थे।
इन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना आसान था।
ये जल्दी ही गर्म नहीं होते थे।
यह Computer पहली पीढ़ी के Computers की तुलना में अधिक तेज़ और इनकी Processing क्षमता भी तेज़ थी।
इस दौरान व्यवसाय की दुनिया और उद्योग जगत में Computer का उपयोग शुरु हुआ और नई Programming Languages का विकास हुआ था।
Computer के लिए Software उच्च स्तरीय Assembly भाषा ( High Level Programming Language ) में तैयार किया गया। Assembly भाषा में Program लिखने के लिए Mnemonics Cod का प्रयोग किया जाता हैं, जो याद रखने में सरल होते हैं। अत: Assembly Language में Software तैयार करना आसान होता हैं।
Data तथा Software के भंडारण के लिए Memory के रूप में चुंबकीय भंडार उपकरणों ( Magnetic Storage Devices ) जैसे; Magnetic Tap, Magnetic Disk आदि का प्रयोग आरंभ हुआ। इससे भंडारण क्षमता तथा Computer की गति में वृद्धि हुईं।
Computer में Process करने की गति तीव्र हुईं जिसे अब Micro Second (μ𝐬) में मापा जाता था। ( 𝟏μ𝐬=𝟏𝟎¯⁶ 𝐒𝐞𝐜 या 𝟏 𝐒𝐞𝐜𝐨𝐧𝐝 का 𝟏𝟎 लाखवां भाग )
Batch Operating System का आरंभ हुआ।
Software में COBOL ( Common Business Oriented Language ) और FORTRON ( Formula Translation ) जैसे उच्च स्तरीय भाषा ( High Level Programming Language ) का विकास IBM द्वारा किया गया। इससे Program लिखना आसान हुआ।
इस पीढ़ी के निम्न मुख्य कम्प्यूटर्स थे 👇
Honeywell 400
IBM 7094
CDC 1604
CDC 3000 Series
UNIVAC 1108
IBM 1400 Series
MARK-III
IBM 1620
👉Click This:- Characteristics Of Computer – कंप्यूटर की विषेशताएं
03. Third Generation Of Computer ( तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर )
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सन् 1964 में Integrated Circuit Chip या IC Chip के आविष्कार के बाद Computers में Transistors का स्थान IC Chip ने ले लिया और इस प्रकार Computer का आकार बहुत छोटा हो गया। इस IC Chip को 1958 में 𝐉. 𝐒. 𝐊𝐢𝐥𝐛𝐲 द्वारा विकसित किया गया था।

SSI ( Small Scale Integration ) तथा बाद में MSI ( Medium Scale Integration ) का विकास हुआ जिसमें एक अकेली IC Chip में सैकड़ों Electronic उपकरणों जैसे; Transistors, प्रतिरोधक ( Register ) तथा संधारित्र (Capacitor) का निर्माण संभव हुआ।

इन Computers की गति Micro Second से Nano Second तक की थी। जो Scale Integrated Circuit के द्वारा संभव हो सका। यह Computer छोटे और सस्ते बनने लगे और साथ ही उपयोग में भी आसान होते थे। Multi-Programming OS एवं High Level Programming Language के इस्तेमाल में सुधार हुआ।

इस पीढ़ी में उच्च स्तरीय भाषा Pascal और Basic का विकास हुआ। लेकीन अभी भी बदलाव हो रहा हैं।
Features Of Third Generation Computers (विशेषताएं )

Computer की तीसरी पीढ़ी में Transistors के बजाय Integrated Circuit Chip (IC) का उपयोग किया गया था।
इसमें LSI तकनीक का इस्तेमाल किया गया था, जिसमें एक Silicone Semiconductor Microchip पर हजारों Transistor का उपयोग किया गया था। जिसे Large-Scale-Integration (LSI) के नाम से भी जाना जाता हैं।
एक IC Chip कई Transistor के बराबर होता हैं।
यह पहली और दुसरी पीढ़ी के Computers की तुलना में बहुत तेज़ी से काम करता था।
इन Computers का वजन और आकार दूसरी पीढ़ी के Computer से कम था।
ये अधिक विश्वसनीय एवं विकसित थे।
इनके मूल्य भी पूर्व की पीढ़ी वाले Computers से कम थे।
इन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना आसान था।
High Level Programming भाषा में BASIC, COBOL, FORTRON, ALGOL का इस्तेमाल हुआ।
Mouse और Keyboard का इस्तेमाल हुआ।
General Purpose के लिए इस्तेमाल संभव हुआ।
कार्यक्षमता में बढ़ोतरी।
Tim Sharing Operating System का विकास हुआ।
Hardware और Software की अलग अलग बिक्री प्रारंभ हुई, इससे उपयोगकर्ता आवश्यकतानुसार Software ले सकता था
1965 में DEC ( Digital Equipment Corporation ) द्वारा प्रथम व्यवसायिक Mini Computer पी.डी.पी.-8 ( Programmed Data Processer-8 ) का विकास किया गया।
Computer का गणना समय Nano Second (ns) में मापा जाने लगा। इससे Computer के कार्य क्षमता में तेजी आई। (𝟏𝐧𝐬=𝟏𝟎¯𝟗 𝐒𝐞𝐜)
इस पीढ़ी के निम्न मुख्य कम्प्यूटर्स थे 👇
PDP-8
PDP-11 ( PDP – Personal Data Processer )
TCL-2900
IBM 360 Series
Honeywell 6000 Series
TDC-B16
IBM-370/168
TDC-316
👉Click Here:- Fundamental Of Computer – कंप्यूटर के मूल सिद्धांत
04. Forth Generation Of Computer ( चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर )
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सन् 1970 के पश्चात् Large-Scale-Integrated Circuit और Silicone Chip पर Microprocessor के प्रयोग से चौथी पीढ़ी के Computers का विकास हुआ। Microprocessor Chip एक संपूर्ण CPU की तरह कार्य करती है।

चौथी पीढ़ी के Computer में LSI IC के बजाय VLSI का उपयोग हुआ, जिसमें एक Silicone Chip में हजारों Integrated Circuit (IC) का उपयोग किया गया था। Very-Large-Scale-Integrated (VLSI) तकनीक के उपयोग से Microprocessor का निर्माण हुआ, जिससे Computer के आकार में कमी और क्षमता में वृद्धि हुईं।

इस समय के दौरान Graphical User Interface (GUI) को विकसित किया गया था, जिससे Computer का उपयोग करना और आसान हो गया था। यह समय Computer क्रांति लेकर आया और Computer आम इंसान तक पहुंचा।

इसी समय Windows, Mac-OS, MS-DOS, जैसे Operating System का निर्माण हुआ और इसी समय Microsoft और Apple जैसी Companies की शुरुआत हुई तथा आज ये वर्तमान में हैं।

Features Of Forth Generation Of Computers (विशेषताएं )

इसमें LSI IC के बजाय VLSI ( Very Large Scale Integrated ) का उपयोग किया गया।
Graphical User Interface (GUI) का विकास हुआ।
पहले की अपेक्षा इस वक्त Computer का उपयोग करना और भी आसान हों गया था।
Microprocessor का निर्माण हुआ, जिससे Computer के आकार में कमी और क्षमता में वृद्धि हुईं।
Internet का विकास हुआ।
आम इंसान तक पहुंचा।
AC ( Air-Conditioner ) की जरूरत नहीं Fan का इस्तेमाल हुआ।
C, C++, .NET जैसी Programming Languages का निर्माण हुआ।
Computer की गणना समय Pico Second (PS) में मापा जाने लगा। (𝟏𝐩𝐬=𝟏𝟎¯𝟏𝟐 𝐒𝐞𝐜)
Multitasking के कारण Computer का प्रयोग एक साथ कई कार्यों को संपत्र करने में किया जाने लगा।
Microprocessor का विकास एम ई हौफ ने 1971 में किया, इससे PC ( Personal Computer ) का विकास हुआ
Magnetic Tap और Disk का स्थान अर्धचालक ( Semiconductor ) Memory ने ले लिया।
उच्च गति वाले Computer Network जैसे; LAN और WAN का विकास हुआ।
Parallels Computing तथा Multimedia का प्रचलन प्रारंभ हुआ।
1981 में IBM ( International Business Machine ) कंपनी ने Micro Computer का विकास किया, जिसे PC ( Personal Computer ) कहा गया।
इस पीढ़ी के निम्न मुख्य कम्प्यूटर्स थे 👇
Fortron-77
Pascal
Aada
Graphics
Cad
Cam
DEC 10
STAR 1000
PDP 11
CRAY-1 ( Super Computer )
CRAY-X-MP ( Super Computer )
05. Fifth Generation Of Computer ( पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर )
𝚃𝚒𝚖𝚎𝚕𝚒𝚗𝚎 : 𝟷𝟿𝟾𝟿 से अब तक

उच्चतम तकनीक से युक्त विश्वसनीय एवं सस्ते Computers के निर्माण के बाद अब ऐसे Computer बनाने का प्रयास जारी हैं, जो मनुष्यों की तरह समझदार हो और न केवल गणना ही कर सकें बल्कि स्वयं भी निर्माय ले सके। इन स्वचालित Computers में सोचने समझने कि तार्किक क्षमता भी होंगी जो 𝐀.𝐈. (𝐀𝐫𝐭𝐢𝐟𝐢𝐜𝐢𝐚𝐥 𝐈𝐧𝐭𝐞𝐥𝐢𝐠𝐞𝐧𝐜𝐞) कहलाते हैं।

इस तार्किक क्षमता एवं मशीनी बुद्धिमत्ता के कारण ये Computer मनुष्यों की तरह कार्य कर सकेंगे। इन्हें चलाने के लिए मानविक ऑपरेटरों की आवश्यकता नहीं रहेंगी।
Ultra Large Scale Integration(ULSI) तथा SLSI ( Super Large Scale Integration ) से करोड़ो Electronic उपकरणों से युक्त Microprocessor Chip का विकास हुआ। एवं Optical Disk जैसी चीजों का प्रयोग इस पीढ़ी के Computers में किया जानें लगा। कम से कम जगह में अधिक Data Store किया जानें लगा, जिससे Portable PC, Desktop PC, Tablets आदि ने इस क्षेत्र में क्रांति ला दी । Internet, E-mail, WWW ( World Wide Web ) का विकास हुआ।

एक ULSI Based Microprocessor में एक करोड़ Electronic Components आ सकते हैं।

आपका परिचय Windows के नए रूपों में हुआ, जिससे Windows XP को भुलाया नहीं जा सकता हैं। विकास अभी भी जारी हैं 𝐀. 𝐈. पर जोर दीया जा रहा हैं। उदाहरण के लिए Windows Cortana को आप देख ही रहे हैं।

Features Of Fifth Generation Computers (विशेषताएं )

पांचवी पीढ़ी के Computer में VLSI के बजाय ULSI ( Ultra Large Scale Integration ) का उपयोग किया जा रहा हैं। और आज एक Chip द्वारा करोड़ों गणना करना संभव हैं।
पांचवी पीढ़ी के Computer बहुत छोटे और तेजी से काम करते हैं।
पांचवी पीढ़ी में 𝐀.𝐈 ( 𝐀𝐫𝐭𝐢𝐟𝐢𝐜𝐢𝐚𝐥 𝐈𝐧𝐭𝐞𝐥𝐥𝐢𝐠𝐞𝐧𝐜𝐞 ), Internet और Fiber Optic Network के क्षेत्र में तकनीकी प्रगति का विस्तार हुआ है।
ऊर्जा का कम इस्तेमाल।
C, C++, Java, .NET, ASP का इस्तेमाल बहुत ज्यादा होने लगा ।
कृत्रिम बुद्धिमता का विकास।
Internet Of Thinks (IOT) का विकास।
Network के क्षेत्र में Internet, E-mail तथा WWW ( World Wide Web ) का विकास हुआ।
Multimedia, Touch Screen, Web, Voice Control का प्रयोग।
GUI आधारित OS का इस्तेमाल।
IT ( Information Technology ) और IH ( Information Highway ) की अवधारणा का विकास हुआ।
Magnetic Bubble Memory के प्रयोग से भंडारण क्षमता में वृद्धि हुईं।
Portable PC और Desktop PC ने Computer को जीवन के लगभग प्रत्येक क्षेत्र में जोड़ दिया।
भंडारण के लिए Optical Disk, CD ( Compact Disk ), DVD और Blu-Ray Disk का विकास हुआ।
दो Processor को एक साथ जोड़कर तथा Parallel Processing द्वारा Processor की गति को अत्यंत तीव्र बनाया गया।
इस पीढ़ी के निम्न मुख्य कम्प्यूटर्स थे 👇
IBM Notebook
Pentium PC
Desktop PCs
Mack books
Chromebooks
Super Computer
Laptops
Notebook
Ultrabook
👉Click This:- Introduction Of Computer – कंप्यूटर का परिचय
उम्मीद करता हूँ कि दोस्तों मेरा यह Generation Of Computer पर बनी सुन्दर-सा पोस्ट आपको पसंद आया होगा। अगर आपके मन में कोई डाउट या सवाल हैं तो निःसंदेह आप मुझसे सवाल कर सकते हैं। मै इसका जवाब देने का प्रयास करूँगा या फिर मै आपके द्वारा पूछे गए सवाल पर एक नया पोस्ट तैयार जरूर करुँगा। और आप किस-किस विषयों पर अपना ज्ञान पाना चाहते हैं , वो आप मुझे Comments करके जरूर बताये।
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