Amazing & Interesting Tea Facts - चाय के अद्भुत और रोचक तथ्य
- _Romeyo Boy_
- 28 दिस॰ 2021
- 5 मिनट पठन
अपडेट करने की तारीख: 30 दिस॰ 2021

चाय मानव जीवन का अहम हिस्सा बन चुकी है। ज्यादातर लोग सुबह की शुरुआत चाय से ही करते हैं। लोगों में चाय के प्रति दीवानगी सबसे ज्यादा है इसलिए आपको शहर के हर चौराहे, हर गली और नुक्कड़ पर चाय बेचने वाले मिल जाएंगे। जब आप चाय पीने का मन करेंगे तो आप अपने आस-पास चाय बनाने वाले जरूर देखेंगे। सबसे अच्छी और सख्त चाय तब बनती है जब घर में मेहमान आते हैं। यह दुनिया में एक ऐसी ड्रिंक है जिसे बच्चे, बूढ़े और जवान सभी पसंद करते हैं।

चाय पीने का असली मजा तो दोस्तों के साथ आता है। सड़क के किनारे एटीट्यूड में खड़े होकर कुल्हड़ में चाय पीते हुए ऐसा लग रहा था कि एक दिन वह पूरी दुनिया को जीत लेगा। जब वे दोस्तों के साथ होते हैं तो अदरक की खास चाय बनाते हैं, जिसे पीने के बाद सेहत रंगीन हो जाती है। चाय पीते-पीते जब कोई लड़की आस-पास होती है तो चाय का स्वाद दुगना हो जाता है। आइए जानते हैं चाय के बारे में कुछ रोचक और महत्वपूर्ण तथ्य।

चाय 300 ई. से दैनिक पेय बनी हुई है।
1610 में डच व्यापारी चाय को चीन से यूरोप ले गए और धीरे-धीरे ये पूरी दुनिया की प्रिय पेय पदार्थ बन गई।
भारत में चाय पहली बार सन् 1834 में अंग्रेज लेकर आए।
विश्व में चाय उत्पादन में भारत का पहला स्थान है।
हालांकि, जंगली अवस्था में यह असम में पहले से ही पैदा होती थी।
सन् 1815 में अंग्रेज यात्रियों का ध्यान असम में उगने वाली चाय की झाड़ियों पर गया, जिससे चाय का चलन पढ़ने लगा।
असम के स्थानीय कबाइली लोग इसका पेय बनाकर पहले से ही पीते थे।
भारत के तत्कालिक गर्वनर जनरल लॉर्ड बैंटिक ने भारत में चाय की परंपरा शुरू करने और उसके उत्पादन की संभावना तलाश करने के लिए एक समिति का गठन किया।
1835 में असम में चाय के बाग लगाए गए।
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग क्षेत्र में पैदा होने वाली चाय सबसे ज़्यादा स्वादिष्ट होती है।
असम की चाय तेज सुगंध और रंग के लिए प्रसिद्ध है।
2007-2008 में चाय के निर्यात से भारत को 2034 करोड़ की विदेशी मुद्रा प्राप्त हुई थी।
चाय पीने की शुरूआत चीन से हुई. ऐसा कहा जाता है कि चीन के राजा शैन नुंग ( Shen Ning ) के सामने गरम पानी का एक प्याला रखा हुआ था. जिसमें गलती से चाय की कुछ सूखी पत्तियाँ गिर गई और पानी का रंग बदल कर हल्का लाल हो गया। राजा को बदले पानी का रंग पसंद आया और उसने जब उसे पीया तो उसका स्वाद काफी पसंद आया. तब से चाय पीन शुरूआत हुई।
पानी को छोड़कर दुनिया का सबसे अधिक पिया जाने वाला पेय चाय ( Tea ) है।
चाय की पत्तियाँ कुछ समय के लिए पानी में भिगोकर रख दे और उसकी गंध को घर में फैलने दें तो यह एक प्रकार से प्राकृतिक ‘ऑलआउट’ का काम करेगा।
इससे मच्छर भी भाग जाते है, यह जानकारी इंटरनेट से ली गई है, इसमें कितनी सच्चाई है यह कह पाना मुश्किल है।
भारत में चाय का सबसे ज्यादा प्रचार और प्रसार ब्रिटिश शासन काल में हुआ।
भारत में सबसे अधिक चाय उत्पादन असम और दार्जलिंग में होता है।
असम का राष्ट्रीय पेय चाय ही है।
पूरे विश्व में प्रतिवर्ष लगभग 50 लाख टन से ज्यादा चाय का उत्पादन किया जाता है।
पूरी दुनिया में चाय का सबसे अधिक उत्पादन चीन ( China ) में होता है।
टर्की ( Turkey ) दुनिया का सबसे बड़ा चाय पीने वाला देश है, जहां प्रत्येक व्यक्ति प्रति वर्ष औसतन 1,300 कप चाय पीता है।
भारत में उत्पादित चाय का 70% यहीं भारत में ही खपत हो जाता है, सिर्फ 30% चाय अन्य देशों को भेजा जाता है।
भारत में सबसे खराब चाय ट्रेन में मिलती है जिसे पीने की इच्छा नहीं होती है, परन्तु चाय पीने की लत इस कदर लग चुकी है कि सभी लोग उस चाय को पीते है।
भारत में लोग अदरक वाली चाय कुल्हड़ ( मिट्टी के बर्तन ) में पीना सबसे ज्यादा पसंद करते है।
दो-तीन दशक पहले गावों में लोग ऐसा मानते थे कि चाय बच्चों को नहीं पीना चाहिए, इसलिए उन्हें डराने के लिए कहते थे कि “चाय पीने से कलेजा जल जाएगा“।
हर साल पूरे विश्व में 15 दिसंबर को अंतराष्ट्रीय चाय दिवस ( International Tea Day ) मनाया जाता है।
भारत में प्रतिदिन चाय पीने की परम्परा लगभग 1835 ई से शुरु हुई। शुरूआत में चाय को ज्यादातर अमीर और धनाढ्य लोग ही पीते थे।
बच्चों को एक-दो बार चाय पिला दो तो वे चाय को सुगंध से पहचान लेते है।
जब कोई चाय पीता है तो बिना देखे ही उस चाय को पीने की जिद करने लगते है।
खाली पेट दूध वाली चाय पीने से एसिडिटी की समस्या होती है।
दिन में दो बार से ज्यादा चाय पीने पर भूख भी कम लगता है और अपच की समस्या होने लगती है।
अमेरिका में लगभग 80% चाय की खपत आइस टी फॉर्म ( Ice Tea Form ) में होती है।
ज्यादातर दुकानों पर सुबह की बनी चाय बार-बार उबालकर ग्राहकों को पीने के लिए देते है जो कि स्वास्थ्य के लिए बड़ा ही हानिकारक होता है।
पूरी दुनिया में 1500 से ज्यादा प्रकार के चाय पाए जाते है लेकिन हरी, काली, सफेद और पीली चाय ही प्रचलन में है।
प्रतिदिन 4-5 कप चाय पीने से पुरूषों में प्रोस्टेट कैंसर ( Prostate Cancer ) की आशंका बढ़ जाती है।
स्ट्रांग ( मजबूत या तेज ) चाय पीने से अल्सर ( Ulcer ) होने का खतरा बढ़ता है।
अफगानिस्तान और ईरान का राष्ट्रीय पेय ( National Drink ) चाय है।
बहुत से लोग चाय के इतने आदी होते है कि अगर उन्हें चाय ना मिले तो सिरदर्द होने लगता है।
ज्यादातर लोग गर्म चाय पीना पसंद करते है लेकिन बहुत से ऐसे भी लोग होते है जो चाय को पूरी तरह से ठंडा करके पीते है।
चाय में एक 'एल-थिएनाइन' ( L-theanine ) नाम का इंग्रेडिएंट होता हैं, जो आपके ब्रेन पॉवर को बढ़ाने में मदद करता हैं। यह स्ट्रेस काम करता हैं, बुद्धि विकास करता हैं और आपको कुछ देर तक नींद नहीं लगने देता हैं।
अमेरिका के एक व्यापारी थॉमस सुलिवन ने चाय के सैंपल सिल्क बैग में डालकर ग्राहक को भेजे और ग्राहक ने गलती से पूरा सिल्क बैग ही गरम पानी में डाल दिया। तब से थॉमस सुलिवन को अपनी इस गलती का फायदा मिलने लगा, तो उससे चाय को बैग्स में डालकर बेचना शुरू किया।
टी या चाय बैग्स का इन्वेंशन या अविष्कार गलती से हुआ था।
ऑस्ट्रेलिया में हुए शोध के हिसाब से चाय पिने से हड्डियां मजबूत होती हैं। चाय में कैटेचिन ( Catechins ) नई हड्डियां बनाने में मदद करती हैं।
चाय अगर अत्यधिक उबाली गई हो, तो अधिक नुकसानदेह हो जाता हैं।
खाली पेट चाय पिने से आपकी भूख प्रभावित होती हैं या फिर भूख लगना ही बंद हो जाती हैं। ऐसा होने पर आप जरुरी पोषण से वंचित रह सकते हैं।
चाय में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो उम्र बढ़ने में हमारी रक्षा करते हैं।
ब्लैक टी यानि काली चाय की सबसे ज्यादा खपत भारत में होती हैं।
काली चाय का उपयोग कुल चाय का 75% हैं।
इंग्लैंड के लोग रोज 16 करोड़ चाय के कप पिते हैं, इस हिसाब से साल में 60 अरब कप्स चाय पी जाते हैं।
दुनिया की सबसे महँगी तथा दुर्लभ चाय हैं दा-होन्ग पाओ चाय ( Da-Hong Pao Tea )। यह दुर्लभ चाय चीन के वुई पर्वत ( Wuyi Mountains ) पर उगती हैं, जिसकी कीमत $600,000 प्रति पाउंड हैं।
चाय पीने से सर्दी में राहत मिलती है और अपनी ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए छात्र चाय पीते है ताकि देर रात तक काम कर सके।
पूरी दुनिया में 30 लाख टन सालाना चाय का उत्पादन होता है। यानी की 3000000000 (3 अरब) किलोग्राम।
चाय पीने से नींद कम लगती है।
दाने दार दिखने वाली चाय को, चाय की पत्तियों से बनाया जाता है।
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